बीएमएस के अध्यक्ष सी. के. साजी नारायणन ने यहां सम्मेलन में कहा, “इंप्लाई स्टेट इंश्यूरेंस कॉर्प (ईएसआईसी), और इंप्लाई प्रॉविडेंड फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) के तहत हरेक कामगार को सार्वभौकिम सोशल सिक्युरिटी कवरेज मुहैया कराना चाहिए। योजनाओं में काम करनेवालों जैसे, आंगनवाड़ी, आशा, मिड-डे मिल कामगारों को सरकारी कर्मचारी घोषित करना चाहिए और तब तक उन्हें न्यूनतम 18,000 रुपए की मजदूरी देनी चाहिए।”
चार सीटीयूज के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षरित मांगों के चार्टर में सभी कामगारों को स्थाई बनाने, सभी श्रम कानूनों को कड़ाई से लागू करने और सभी श्रेणियों में न्यूनतम मजदूरी देश भर में 18,000 रुपए करने की मांग की गई है।
उन्होंने मांगों के चार्टर में कहा, “सरलीकरण और संहिताकरण के नाम पर कामगारों के वर्तमान अधिकारों को छीना नहीं जाना चाहिए। रेलवे, कोयला, रक्षा, बैंकों, बंदरगाहों, हवाईअड्डों, बिजली, चाय और अन्य ऐसे क्षेत्रों के ज्वलंत मुद्दों का संबंधित मंत्रालयों द्वारा अलग-अलग समाधान किया जाना चाहिए।” उन्होंने इसके अलावा नीति आयोग में मजदूरों और किसानों के प्रतिनिधित्व की मांग की।