दरअसल, मंगलवार को त्रिमूर्ति सर्कल स्थित मूक-बधिर विद्यालय में शिक्षक लगाने के लिए इंटरव्यू चल रहे थे। परशुरामद्वारा स्थित स्कूल के मानसिक विमंदित बच्चों और परिजनों को इसका पता चला तो वे भी स्कूल के लिए शिक्षक लगाने की मांग करने पहुंच गए। गौरतलब है कि करीब १० साल पहले उक्त स्कूल में एक विशेष शिक्षका लगाई गई थी। उसने आसपास के 8 विमंदित बच्चों को इकट्ठा कर स्कूल में प्रवेश दिलाया, पढ़़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या 17 हो गई। कुछ समय पहले उक्त टीचर को हटाकर स्कूल से विशेष शिक्षक पद खत्म कर दिया गया। अब परिजनों की बार-बार शिकायत पर प्रतिनियुक्ति पर विशेष शिक्षक लगाए जाते हैं।
बच्चों ने कहा, स्कूल से घर भेज दिया जाता है मो. इब्राहिम, कक्षा-3 : मैं पांच साल से स्कूल में पढ़ रहा हूं। पहले टीचर पढ़ाती थी अब कई बार स्कूल में नहीं बैठाते, घर भेज देते हैं।
सुरभि बंदोरिया, कक्षा-3 : स्कूल जाते हैं तो क्लास में नहीं बैठने देते। टीचर कहते हैं कि तुम्हारे टीचर आएं तब स्कूल आना। आफरीन, कक्षा-4: हमें पढऩा है मगर स्कूल में टीचर नहीं हैं इसलिए यहां आए हैं। टीचर आएंगे, तब ही स्कूल जाऊंगी।
अभिभावकों ने कहा हाजरा परवीन, मोहम्मद इब्राहिम की मां मेरा बेटा पांच साल से स्कूल जा रहा है। पहले उसे बोलना भी नहीं आता था मगर अब थोड़ा-थोड़ा लिख भी लेता है। तीन साल से स्कूल में शिक्षक की समस्या चल रही है। साल में चार बार संकुल आकर शिकायत करते हैं, तब जाकर दो-चार महीने के लिए शिक्षक लगाए जाते हैं।
हेमलता बंदोरिया, सुरभि की मां मेरी बेटी और उसकी क्लास में पढऩे वाले सभी बच्चे विमंदित हैं। पहले तो कोई स्कूल उन्हें प्रवेश ही नहीं देता था। आठ साल पहले परशुरामद्वारा स्कूल में एक स्पेशल टीचर आईं, जिसके बाद बच्चे स्कूल आने लगे। मगर ३ साल पहले उनके ट्रांसफर के बाद व्यवस्थाएं बिगड़ गईं।
परिजनों ने लिखित शिकायत दी है, उच्च अधिकारियों को बताएंगे। फिलहाल मूक-बधिर स्कूल के लिए शिक्षकों का इंटरव्यू कर रहे हैं। इसमें विशेष शिक्षकों का पैनल बनाया जा रहा है। शिक्षक पर्याप्त मिले तो एक शिक्षक इस स्कूल में भी लगाने का प्रयास करेंगे।
नूतनबाला कपिला, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय
नूतनबाला कपिला, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय