उन्होंने कहा कि तेज रफ्तार, गलत तरीके से गाड़ी चलाने और हेलमेट नहीं पहनने जैसे सुरक्षा मापदंडों का ध्यान नहीं रखने के कारण युवा सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। इस संकट को रोकने के लिए सबसे पहले युवाओं को जिम्मेदार तथा जागरुक बनाना है और इसके लिए लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन करने और विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले छात्रों के लिए विश्विविद्यालयों में औपचारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। अभियान के तहत अगले तीन से पांच साल के बीच 500 विश्वविद्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन करने वाले युवा चालकों के लिए विश्विवद्यालय स्तर पर औपचारिक प्रशिक्षण अभियान चलाया जाएगा और इसके तहत पहले साल में 50 विश्वविद्यालयों को इसके दायरे में लाया जाएगा।