प्रश्न – (1) सडक़ के किनारे लगे खंभे की रोशनी का प्रतिबिंब किसी झील या तालाब में आमतौर पर ज्यादा लंबा और टूटा हुआ लगता है। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
जब किसी तालाब या झील की सतह शांत होती है, तब वह एक सीधे दर्णण का काम करती है। प्रकाश के परावर्तन नियम के अनुसार दूसरे किनारे के किसी स्रोत से प्रकाश की किरण पानी की सतह से परावर्तित होकर हमारी आंखों में आती है। इस कारण हम प्रकाश के स्रोत का स्पष्ट प्रतिबिंब देख पाते हैं लेकिन जब हवा के बहने से पानी की सतह पर लहरें उठती हैं, तब लहरों पर कई बिंदुओं से एक साथ प्रकाश परावर्तित होकर हमारी आंखों में आता है। इस कारण हमें कई प्रतिबिंब एक साथ दिखाई देते हैं। जैसे-जैसे लहरें बहती हैं, यह बिंदु भी बदलते रहते हैं और इनके प्रतिबिंब भी बदलते रहते हैं।
प्रश्न – (2) साइकिल (या पतले रिम का पहिया) रुकी स्थिति में जमीन पर खड़ा नहीं रह सकता लेकिन एक बार उसे चला दिया जाए तो वह नहीं गिरता। इसका क्या कारण हो सकता है?
इस समस्या का उत्तर उस तकनीकी सिद्धांत में है जिसके अनुसार किसी वस्तु का कोणीय आवेग अपरिवर्तित रहता है। खड़ी हुई साइकिल अस्थिर है क्योंकि उसका आधार (टायर) संकरा है और उसके गुरुत्व का केंद्र जमीन से काफी ऊंचा है इसलिए थोड़ा सा भी झुकने पर उसके गुरुत्व केंद्र से पड़ी लंब आधार (टायर) से बाहर चली जाती है और साइकिल गिर जाती है। जब साइकिल को धक्का दिया जाता है तो उसके पहिए गोल घूमने लगते हैं। घूमते पहिए पर स्थित कणों की प्रवृत्ति स्पर्श-रेखा की सीध में उड़ जाने की होती है। घर्षण के अभाव में दोनों पहिये जड़त्व के नियम के अनुसार धरातल पर वैसे ही घूमते रहेंगे। इसके कारण दोनों पहिए अपने-अपने स्थान पर घूमते रहते हैं। इससे उन्हें स्थायित्व मिलता है और वह जल्दी गिरते नहीं। घर्षण के कारण उनकी रफ्तार कम हो जाती है। तब वे लडख़ड़ाते हैं और अंत में गिर जाते हैं।
प्रश्न – (3) क्रिकेट की गेंद की गति प्राय: ठोस विकेट पर टप्पा खाने के बाद ज्यादा तेज हो जाती है। क्या आपने इस ओर ध्यान दिया है? आपके विचार से इसका क्या कारण है?
जब कोई गेंदबाज बॉलिंग करता है, तब वह आमतौर पर गेंद को स्पिन करता है। कोई भी ऐसी गेंद जिसकी स्पिन धुरी उसके खड़े तल, जिसमें वह चलती है, के लंबवत हो तो जब वह जमीन पर टप्पा खाती है, तब जमीन और गेंद के बीच कुछ घर्षण पैदा होता है। चिकनी जमीन पर यह घर्षण बल गेंद की घूमती गतिज ऊर्जा के कुछ अंश को स्थानांतरीय गति में बदल देता है। इसी वजह से टप्पा खाने के बाद गेंद अधिक तेजी से, परंतु कम स्पिन के साथ आगे जाती है। चाहे गेंद घड़ी की दिशा में घूमे अथवा उसके विपरीत, दोनों ही अवस्थाओं में घर्षण का बल स्पिन को घटाता है।