अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, ऐसे मुद्दों में अदालत द्वारा देरी से हस्तक्षेप बहुत हो गया…हम कभी-कभार सोचते हैं कि क्या हमें खुद को विशेषज्ञ की तरह मानना चाहिए? कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन्होंने प्रश्नों को जांचा है, न्यायाधीश उससे बेहतर विशेषज्ञ नहीं हो सकते। अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा, अगर हम विषय विशेषज्ञ बन जाएंगे तो सभी बहुविकल्पीय प्रश्नों की जांच क्या अदालत द्वारा की जाएगी?
अदालत ने इसके साथ ही मामले के हल के लिए किसी विषय विशेषज्ञ को नियुक्त करने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले ली। नीट परीक्षा की काउंसिलिंग 19 जून को प्रस्तावित है। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी की अवकाश पीठ ने गुरुवार को उस रिट याचिका की सुनवाई पर सहमति जताई थी, जिसे हैदराबाद के छात्र कयाथी रोहन रेड्डी और तीन अन्य छात्रों की ओर से वकील महफूज नाजकी ने दायर किया था।
छात्रों ने दावा किया था कि इस गलती से लाखों छात्र प्रभावित हो सकते हैं, जो परीक्षा में शामिल हुए थे। याचिकाकर्ताओं के वकील ने शीर्ष अदालत से नीट यूजी-2009 को आयोजित करवाने वाली एजेंसी- एनटीए को 5 जून को प्रकाशित अंतिम उत्तर कुंजी को निरस्त करने के लिए आदेश देने की मांग की थी।