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जर्मनी से करना चाहते हैं पीएचडी, तो यह है प्रक्रिया

locationजयपुरPublished: Sep 24, 2018 03:35:49 pm

अगर आपने भी पीएचडी करने के लिए जर्मनी को चुना है तो अब आपको कुछ जरूरी तैयारियां करने की जरूरत है।

study in Germany

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अगर आपने भी पीएचडी करने के लिए जर्मनी को चुना है तो अब आपको कुछ जरूरी तैयारियां करने की जरूरत है। पीएचडी के लिए जर्मनी बहुत ही पॉपुलर डेस्टिनेशन है। हर साल करीब 3600 विदेशी स्टूडेंट्स जर्मनी से अपनी पीएचडी पूरी कर डॉक्ट्रेट की उपधि प्राप्त कर रहे है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि जर्मनी की बहुत सारी यूनिवर्सिटीज की स्ट्रॉन्ग इंटरनेशनल रिप्यूटेशन है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2019 में Technische Universität München को देश की पहले स्थान की और विश्व की ६१वीं बेस्ट यूनिवर्सिटी माना गया है। इसके बाद Ludwig-Maximilians-Universität München को इस सूची में 62वां स्थान मिला है।
जर्मनी में कर सकते हैं इस तरह की पीएचडी

– इंडीविजुअल डॉक्ट्रेट

यह ट्रेडिशनल ऑप्शन है और ज्यादा पॉपुलर भी है। इस तरह की पीएचडी में आपको अपनी थीसिस या किसी प्रोफेसर के सुपरविजन में डिसर्टेशन को पेश करना होता है, लेकिन आप इंडिपेंडेंटली ही काम कर रहे होंगे। इस पीएचडी की अवधि तीन से पांच साल तक की हो सकती है। इस ऑप्शन में फ्लैक्सिबिलिटी होती है, हालांकि इसमें आपकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है और पर्सनल इनिशिएटिव भी लेने होते हैं। इसके तहत पीएचडी पाने के लिए आपको यूनिवर्सिटी में ही रिसर्च वर्क करना अनिवार्य नहीं होता, आप चाहें तो अपना प्रोजेक्ट नॉन-यूनिवर्सिटी रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन या फिर इंडस्ट्रियल सेक्टर की जर्मनी कंपनी में भी कर सकते हैं।
स्ट्रक्चर्ड पीएचडी प्रोग्राम्स

आप स्ट्रक्चर्ड पीएचडी प्रोग्राम भी चुन सकते हैं। इसके तहत डॉक्ट्रल स्टूडेंट्स के ग्रुप को सुपरवाइजर्स का ग्रुप गाइड करता है। जर्मनी में इस तरह के करीब 600 प्रोग्राम्स हैं और अच्छी बात यह है कि इसमें लैंग्वेज ऑफ इंस्ट्रक्शन अंग्रेजी है। इसके तहत स्टूडेंट के रिसर्च प्रोपोजल मौजूद पीएचडी प्रोग्राम्स में फिट होने जरूरी हैं। इसके लिए आपको लैक्चर्स और सेमिनार भी अटैंड करने होंगे और इसमें आपको मेंटर भी मिलेगा।
जर्मनी की इन यूनिवर्सिटीज से की जा सकती है पीएचडी

जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस (डीएएडी) आपको डेटाबेस मुहैया करवाने का काम करता है, जहां से आप अपने लिए सही पीएचडी प्रोग्राम के लिए सर्च कर सकते हैं। जर्मनी में बहुत सारी यूनिवर्सिटीज पीएचडी करवाती हैं, हालांकि आपको अपने लिए सही प्रोग्राम और यूनिवर्सिटी की जानकारी डीएएडी से मिल जाएगी।
फीस

अच्छी खबर यह है कि जर्मनी में पीएचडी के लिए आपको ट्यूशन फीस नहीं देनी होती, यानी कि जर्मनी की सभी पब्लिक यूनिवर्सिटीज में तीन साल तक पीएचडी करीब करीब मुफ्त में ही होती है, हालांकि अगर आप पीएचडी पूरी करने में तीन साल से ज्यादा का समय लगाते हैं तो इसके लिए आपको फीस भरनी होगी। पीएचडी स्टूडेंट्स को करीब 175 से 230 यूएस डॉलर एडमिनिस्ट्रेशन और अन्य कॉस्ट के रूप में बतौर सेमिस्टर कॉन्ट्रिब्यूशन चुकाना होता है।
इसका अर्थ यह हुआ कि जर्मनी में आपको कॉस्ट ऑफ लिविंग खुद ही चुकानी होगी। अगर आप स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करते हैं तो आपके पास करीब 10150 यूएस डॉलर सालाना होने चाहिए।
स्कॉलरशिप

पीएचडी के लिए स्कॉलरशिप लेना चाहते हैं तो आप जिस यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अवेदन कर रहे हैं उसकी वेबसाइट पर देखें। यहां आपको स्कॉलरशिप संबंधी सारी जानकारी मिल जाएगी। अगर आप चाहें तो पार्ट टाइम जॉब कर सकते हैं।
एलिजिबिलिटी

वैसे तो हर यूनिवर्सिटी और पीएचडी प्रोग्राम के लिए अलग अलग एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया होता है, लेकिन आमतौर पर आपके पास अच्छी हायर एजुकेशन डिग्री होना अनिवार्य है। यह डिग्री जर्मनी की मास्टर्स डिग्री के बराबर की होनी चाहिए। अगर आप पीएचडी इंग्लिश में कर रहे हैं और यह आपकी फर्स्ट लैंग्वेज नहीं है तो आपको इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी साबित करनी होगी। इसके लिए आप आईईएलटीएस या टीओईएफएल परीक्षा पास कर सकते हैं।
ऐसे करें आवेदन

इसके लिए कोई सेंट्रल एडमिशन प्रोसेस या सेलेक्शन ऑफिस नहीं है। दोनों ही तरह की पीएचडी के लिए प्रोसेस अलग अलग है। स्ट्रक्चर्ड पीएचडी के लिए आपको सीधे यूनिवर्सिटी में आवेदन करना होता है, जबकि इंडिविजुअल पीएचडी के लिए आपको पहले अपने लिए सूटेबल प्रोफेसर ढूंढना होगा, जिनके सुपरविजन में आप अपनी पीएचडी पूरी करेंगे। इसके लिए आप इन सर्च प्लैटफॉर्म पर सुपरवाइजर सर्च कर सकते हैं –
– डीएएडी
– पीएचडी जर्मनी
– Hochschulkompass.de
– academics.de

सुपरवाइजर ढूंढने के बाद रिस्पॉन्सिबल डिपार्टमेंट या डॉक्टोरल कमेटी को आपकी एलिजिबिलिटी कंफर्म करनी होती है। इसके लिए आपको आवेदन करना होता है, जिसके साथ आपके डॉक्टोरल सुपरवाइजर का स्टेटमेंट लगाया जाता है, इसके अलावा सभी सर्टिफिकेट की कॉपीज और अन्य जरूरी दस्तावेज भेजे जाते हैं। यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट ऑफिस आपके डॉक्यूमेंट्स को रिव्यू करता है और फिर आपको पीएचडी करने की अनुमति देता है। इसके बाद आपको एडमिशन प्रोसेस पूरा करना होता है।

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