जिला विद्यालय निरीक्षक रविदत्त ने प्रधानाचार्य और प्राध्यापिकाओं से कहा कि वे सभी छात्राओं को हर रोज कालेज आने के लिए प्रेरित करें और उनके अभिभावकों को भी समझाने का प्रयास करें। कॉलेज की उर्दू शिक्षक और देवबंद निवासी अजीज फातमा का कहना था कि मुस्लिम छात्राएं जुमे की नमाज अदा करने के लिए कॉलेज से अनुपस्थित रहती हैं और जब उनके अभिभावकों को फोन पर संपर्क कर पूछा जाता है तो वे कोई न कोई बहाना बना देते हैं। इस कॉलेज में 751 छात्राएं पढ़ती हैं। शुक्रवार कोज्यादातर कक्षाएं खाली थी क्योंकि अधिकांश मुस्लिम छात्राएं शुक्रवार होने के कारण कॉलेज से गैर हाजिर थीं।
प्रधानाचार्य ने बताया कि इन सभी छात्राओं की उपस्थिति के रजिस्ट्रर में गैर हाजिरी लगाई जाती है। देवबंद मुस्लिम बाहुल्य आबादी का कस्बा है जहां 65 फीसदी मुस्लिम आबादी है। मुस्लिम परिवार अपनी बेटियों को सह शिक्षा वाले स्कूल-कॉलेजों में नहीं पढ़ाते हैं। इस कारण देवबंद राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं की बहुलता है।
जिला विद्यालय निरीक्षक रविदत्त ने बताया कि कॉलेज के मैदान, प्रांगण और कक्षाएं काफी निचाई पर हैं जिसके कारण बरसात के दिनों में जलभराव हो जाता है उसका असर कॉलेज भवन और कक्षों पर पड़ा है। पानी को कॉलेज परिसर मे घुसने से रोकने के प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में कॉलेज प्रांगण में 200 पौधे रोपे गए हैं। साफ-सफाई को लेकर छात्र और शिक्षक जागरुक हैं और ऐसा कॉलेज निरीक्षण में देखने को मिला भी है। इंटर का परिणाम इस साल 96 प्रतिशत और हाईस्कूल का 86 प्रतिशत रहा। एक से कक्षा पांच तक इस कॉलेज में केवल 31 स्टुडेंट्स ही हैं। महिला इंटर कॉलेज होने के बावजूद वहां गृह विज्ञान विषय की मान्यता नहीं है और इंटर में इस साल पहली बार गणित की मान्यता दी गई है। कॉलेज में प्रधानाचार्य समेत कई शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। इस कॉलेज की स्टुडेंट्स की क्षमता 2000 है, पर वहां पढ़ते ७५० स्टुडेंट्स ही हैं।