प्रश्न (1) – संयुक्त राष्ट्र का बजट संकट क्या है?
हाल में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा था कि हमारे पास धन की कमी होती जा रही है। उन्होंने सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे सभी अपने-अपने हिस्से का धन यथासम्भव जल्द से जल्द दें, ताकि संकट दूर हो सके। उन्होंने इन देशों को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र के कोर बजट में इस साल 13.9 करोड़ डॉलर की कमी पड़ रही है। ऐसा संकट पहले कभी नहीं आया। दिसम्बर 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बजट समिति ने 2018-19 के लिए 5.4 अरब डॉलर का बजट तैयार किया था। 2016-17 के बजट की तुलना में यह धनराशि यूं भी 28.5 करोड़ डॉलर कम थी।
संयुक्त राष्ट्र बजट दो साल के लिए होता है। कोर बजट में संयुक्त राष्ट्र शांति प्रयासों के लिए धनराशि शामिल नहीं होती। नवीनतम सूचना के अनुसार इस साल 193 सदस्य देशों में से 112 ने ही अपना अंशदान किया है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा अमरीका देता है, जो संयुक्त राष्ट्र के कुल बजट का करीब 22 फीसदी होता है। अमरीकी अंश सबसे बाद में आता है, क्योंकि उसका वित्त वर्ष एक अक्टूबर से शुरू होता है लेकिन इस साल अमरीका सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्यों का अंशदान आ चुका है। संयुक्त राष्ट्र में अमरीका की राजदूत निकी हेली ने इस साल जनवरी में कहा था कि संयुक्त राष्ट्र को सुधार करना चाहिए और अपने खर्चों में कमी भी करनी चाहिए। निरर्थक खर्चों के लिए हम अमरीकी नागरिकों के धन को बर्बाद नहीं करेंगे।
शांति-स्थापना बजट
संयुक्त राष्ट्र कोर बजट के मुकाबले शांति-स्थापना बजट ज्यादा बड़ा है। यह सालाना आधार पर होता है। एक जुलाई 2018 से 30 जून 2019 के वर्ष के लिए 6.7 अरब डॉलर का बजट है। यह धनराशि संयुक्त राष्ट्र के 14 में से 12 शांति-स्थापना मिशनों के लिए है। शेष दो मिशन हैं संयुक्त राष्ट्र युद्धविराम अनुश्रवण संगठन और भारत-पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सैन्य-पर्यवेक्षक समूह। इन दोनों के लिए धनराशि संयुक्त राष्ट्र के मुख्य बजट से आती है।
संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों की संख्या
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की संख्या इस समय 193 है। इन सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र महासभा में बराबरी का दर्जा मिला हुआ है। सदस्य देशों के अलावा संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक के रूप में देशों को आमंत्रित किया जा सकता है। इस समय द होली सी (वैटिकन) और फिलस्तीन दो संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक हैं। पर्यवेक्षक महासभा की बैठकों में भाग लेने के अलावा अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होता।
प्रश्न (2) – ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट किन्हें कहते हैं?
ग्रीनफील्ड शब्द औद्योगिक अर्थ में प्रयुक्त होता है। हाल में देश के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्व स्तरीय शिक्षा संस्थानों की रेस में छह भारतीय विश्वविद्यालयों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने की घोषणा की। इनमें जियो इंस्टीट्यूट को ग्रीनफील्ड श्रेणी में रखा गया है। ग्रीनफील्ड पूरी तरह से नयी परियोजना को कहते हैं। यानी ऐसी जमीन पर कारखाना लगाना जो अभी नई या हरी है। जिसमें पहले के किसी निर्माण को ढहाना या विस्तार करना शामिल नहीं हो। आजकल सॉफ्टवेयर सहित विभिन्न उद्योगों में इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। एक शब्द और चलता है ब्राउनफील्ड परियोजना, जिसका मतलब है किसी मौजूदा प्लांट का विस्तार करके क्षमता बढ़ाना। यह नई परियोजना नहीं होती।