भारत के समावेशी विकास के लिए जन नीति (पब्लिक पॉलिसी फॉर इन्क्लूसिव डवलपमेंट ऑफ इंडिया) नामक नए कोर्स पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि दो वर्ष बाद 2020 तक भारत विश्व में काम करने वाले सबसे युवा देश होगा। यह हमार देश के लिए सबसे बड़ा बल होगा। हालांकि, यदि हम इस शक्तिशाली मानव संसाधन का उपयोग नहीं कर सकें तो यह सबसे बड़ा जनसांख्यिकीय हिस्सा जनसांख्यिकीय तबाही होगी।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के पास अकूत प्राकृतिक संसाधन है, हालांकि हमारे पास हमारी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पुनर्नवीनीकृत ऊर्जा के विकास व खपत की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत की सरकारों ने लोगों की बचत की परंपरा हमारे प्रोत्साहित करने का काम किया है। इसी कारण भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2008 के बड़े झटके के साथ-साथ विश्व अर्थव्यवस्था के संकट से बचती रही है।
मुखर्जी बुधवार को भी व्याख्यान देंगे। यह कोर्स पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनजमेंट (पीजीपीएम), फूड एंड एग्री बिजनेस मैनेजमेंट (एफएबीएम) तथा पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम फॉर एक्जीक्यूटिव्स (पीजीपीएक्स) के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है। वे 12 सत्रों में गेस्ट फैकल्टी के रूप में विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। मुखर्जी के अलावा जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के चेयरपर्सन प्रो. विजय शेरी चंद व प्रो. अनिल गुप्ता इस कोर्स के फैकल्टी हैं।