इस परीक्षा को पास करने के लिए कोई मिनिमम स्कोर नहीं होता। IELTS result या टेस्ट रिपोर्ट परीक्षा देने वाले सभी कैंडिडेट्स को दी जाती है। इसमें बैंड 1 (नॉन यूजर) से बैंड 9 (एक्सपर्ट यूजर) तक स्कोर होता है। किसी भी इंस्टीट्यूशन में दो साल से ज्यादा पुराना IELTS स्कोर कार्ड तब तक मान्य नहीं होता, जब तक कि कैंडिडेट यह न साबित कर दे कि उसने अपने लेवल को मेंटेन करने के लिए इस पर काम किया है।
IELTS टेस्ट स्ट्रक्चर IELTS के दो मॉड्यूल्स होते हैं – एकेडमिक मॉड्यूल और जनरल ट्रेनिंग मॉड्यूल। IELTS एकेडमिक टेस्ट उन लोगों के लिए होता है जिन्हें हायर एजुकेशन के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन चाहिए। वहीं IELTS जनरल ट्रेनिंग उन लोगों के लिए होता है जिन्हें विदेशों में नॉन एकेडमिक ट्रेनिंग या फिर वर्क एक्सपीरिएंस लेना है या फिर यह इमिग्रेशन के लिए होता है। IELTS टेस्ट के चार पार्ट होते हैं – लिस्निंग, रीडिंग, राइटिंग और स्पीकिंग। लिस्निंग के लिए 30 मिनट प्लस 10 मिनट ट्रांस्फर टाइम मिलता है। रीडिंग के लिए 60 मिनट का समय, राइटिंग के लिए 60 मिनट का समय और स्पीकिंग के लिए 11 से 14 मिनट का समय मिलता है। यह पूरा टेस्ट कुल 2 घंटे 45 मिनट का होता है।
यह होता है बैंड स्केल 0 – परीक्षा नहीं दी
1 – नॉन यूजर – कुछ शब्दों के ज्ञान के अलावा भाषा का पूरा ज्ञान नहीं है।
2 – इंटरमिटेंट यूजर – कम्यूनिकेशन संभव नहीं है, इंग्लिश लिखने और बोलने में खासी परेशानी है।
3 – एक्स्ट्रीमली लिमिटेड यूजर – केवल कुछ छोटी मोटी बातें समझ सकता है और समझा सकता है, कम्यूनिकेशन के समय बहुत ज्यादा ब्रेकडाउंस हैं।
4 – लिमिटेड यूजर – बेसिक कम्पीटेंस लिमिटड है। बात समझने और समझाने में कई समस्याएं आती हैं और कॉम्प्लेक्स लैंग्वेज का इस्तेमाल नहीं कर पाता।
5 – मॉडेस्ट यूजर – लैंग्वेज पर पार्शियल कमांड है, हालांकि कई गलतियां करता है। अपने क्षेत्र में बेसिक कम्यूनिकेशन कर सकता है।
6 – कॉम्पिटेंट यूजर – कुछ गलतियां और मिसअंडरस्टैंडिंग्स के साथ लैंग्वेज पर इफेक्टिव कमांड है। कॉम्प्लैक्स लैंग्वेज को समझ सकता है और इस्तेमाल कर सकता है।
7 – गुड यूजर – लैंग्वेज पर ऑपरेशनल कमांड है हालांकि कभी कभी गलतियां होती हैं। कॉम्प्लैक्स लैंग्वेज समझ सकता है और हैंडल कर सकता है।
8 – वैरी गुड यूजर – कुछ गलतियों के बावजूद लैंग्वेज पर फुली ऑपरेशनल कमांड है। कॉम्प्लैक्स डिटेल आरग्यूमेंट समझ सकता है।
9 – एक्सपर्ट यूजर – बिना किसी गलती के भाषा पर पूरा कमांड है और भाषा में फ्लूएंट है।
1 – नॉन यूजर – कुछ शब्दों के ज्ञान के अलावा भाषा का पूरा ज्ञान नहीं है।
2 – इंटरमिटेंट यूजर – कम्यूनिकेशन संभव नहीं है, इंग्लिश लिखने और बोलने में खासी परेशानी है।
3 – एक्स्ट्रीमली लिमिटेड यूजर – केवल कुछ छोटी मोटी बातें समझ सकता है और समझा सकता है, कम्यूनिकेशन के समय बहुत ज्यादा ब्रेकडाउंस हैं।
4 – लिमिटेड यूजर – बेसिक कम्पीटेंस लिमिटड है। बात समझने और समझाने में कई समस्याएं आती हैं और कॉम्प्लेक्स लैंग्वेज का इस्तेमाल नहीं कर पाता।
5 – मॉडेस्ट यूजर – लैंग्वेज पर पार्शियल कमांड है, हालांकि कई गलतियां करता है। अपने क्षेत्र में बेसिक कम्यूनिकेशन कर सकता है।
6 – कॉम्पिटेंट यूजर – कुछ गलतियां और मिसअंडरस्टैंडिंग्स के साथ लैंग्वेज पर इफेक्टिव कमांड है। कॉम्प्लैक्स लैंग्वेज को समझ सकता है और इस्तेमाल कर सकता है।
7 – गुड यूजर – लैंग्वेज पर ऑपरेशनल कमांड है हालांकि कभी कभी गलतियां होती हैं। कॉम्प्लैक्स लैंग्वेज समझ सकता है और हैंडल कर सकता है।
8 – वैरी गुड यूजर – कुछ गलतियों के बावजूद लैंग्वेज पर फुली ऑपरेशनल कमांड है। कॉम्प्लैक्स डिटेल आरग्यूमेंट समझ सकता है।
9 – एक्सपर्ट यूजर – बिना किसी गलती के भाषा पर पूरा कमांड है और भाषा में फ्लूएंट है।