उन्होंने कहा कि लड़कियों को शिक्षा देने के साथ-साथ उनके कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ तथा ‘सुकन्या समृधि योजना’ जैसे कार्यक्रमों ने समाज की तस्वीर बदलने का काम किया है और लोगों को प्रेरित भी किया है कि वे अपनी लड़कियों को पढ़ाएं और आगे बढ़ाएं। उन्होंने हमदर्द विश्वविद्यालय की इस बात के लिए तारीफ की कि उसके यहां करीब पचास प्रतिशत लड़कियां पढ़ रही हैं।
उन्होंने हमदर्द विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को सलाह भी दी कि वे मरीजों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं और उनका समूर्ण इलाज करें। उपराष्ट्रपति ने शैक्षिक संस्थाओं से सौर ऊर्जा जल संरक्षण जैसे कार्यक्रमों को अपनाने पर भी बल दिया और कहा कि छात्रों को भी प्रकृति तथा पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने की भी सलाह दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रौद्योगिकी के अधिक इस्तेमाल के प्रति सचेत करते हुए कहा कि मानवीय संबंधों से अधिक तरजीह उपकरणों को नहीं दिया जाना चाहिए।