scriptविदेशी मुद्रा भंडार में सात साल बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट | The biggest weekly drop after seven years in foreign exchange reserves | Patrika News

विदेशी मुद्रा भंडार में सात साल बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट

locationनई दिल्लीPublished: Oct 20, 2018 07:12:59 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

भारतीय मुद्रा को बचाने के लिए अमरीकी डॉलर की बिक्री से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हो रही है।

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विदेशी मुद्रा भंडार में सात साल बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट

नई दिल्ली। डॉलर की तुलना में रुपए को कमजोर होने से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की कोशिशों का भारतीय खजाने पर बुरा असर पड़ रहा है। 12 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 37.8 हजार करोड़ रुपए घट गया। विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट नवंबर 2011 के बाद यानी सात साल बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। केंद्रीय बैंक भारतीय मुद्रा को कमजोर होने से बचाने के लिए अमरीकी डॉलर की बिक्री करता है।
विदेशी निवेशकों की निकासी से भी बढ़ रही गिरावट

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के अन्य कारणों में विदेशी निवेशकों का भारतीय इक्विटी और बांड बाजार से मोहभंग और देश के चालू खाते के घाटे का बढ़ना भी है। इसके अलावा भारत की ओर से विदेशों से लिए जा रहे कर्ज और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से भी विदेशी मुद्रा भंडार कम होता है। हालांकि, कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के मुताबिक केंद्रीय बैंक की ओर से बाजार में हस्तक्षेप से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट में तेजी आई है। विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक भारतीय बांड और स्टॉक्स से 95.5 हजार करोड़ रुपए की निकासी की है।
2002 के बाद से सबसे लंबी गिरावट का दौर

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और चालू खाते के बढ़ते घाटे व महंगाई से रुपए में लगातार छह महीने गिरावट का दौर रहा। यह वर्ष 2002 के बाद से सबसे लंबा गिरावट का दौर रहा है। 11 अक्टूबर को रुपए ने ऐतिहासिक तौर पर निचले स्तर को छू लिया था। 11 अक्टूबर को एक डॉलर की तुलना में रुपया 74.48 के स्तर पर पहुंच गया था। इस साल रुपए में अब तक 13 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
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