पिछले साल 8 जून को उच्चतम स्तर पर पहुंचा था फाॅरेक्स रिजर्व
8 जून 2018 के बाद यह अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। इसके पहले 8 जून 2018 तक को फाॅरेक्स रिजर्व 493 अरब डाॅलर के स्तर पर था। पिछले साल ही 13 अप्रैल 2018 को फाॅरेक्स रिजर्व 426 अरब डाॅलर के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद फाॅरेक्स रिजर्व में लगातार धीमी गिरावट देखने को मिली जोकि 26 अक्टूबर 2018 तक 392 अरब डाॅलर के स्तर तक गिर गया था। बता दें कि अक्टूबर 2018 में ही डाॅलर के मुकाबले रुपए में भी भारी गिरावट देखने को मिली। वहीं, इसी दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गर्इ थी।
इन दो वजहों से अक्टूबर माह में आर्इ थी गिरावट
पिछले साल अक्टूबर माह में डाॅलर के मुकाबले रुपया 74.34 के न्यूनतम स्तर पर फिसल गया था। वहीं, कच्चे तेल की कीमतों में भी उछाल के बाद केंद्रीय बैंक ने रुपए को मजबूती प्रदान करने के लिए कर्इ तरह के कदम भी उठाए थे। इस दौरान ब्रेंट क्रुड आॅयल का भाव 86 डाॅलर प्रति बैरल को छू चुका था। अब बीते कुछ समय में कच्चे तेल की कीमतों गिरावट आैर डाॅलर के मुकाबले रुपए में तेजी से हालिया सप्ताह में फाॅरेक्स रिजर्व में तेजी देखने को मिली है।
अप्रैल माह में अब तक 10 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक का निवेश
पिछले मंगलवार को बीएसर्इ का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 185 अंकों की बढ़त के साथ 39,056 के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ।जिसके बाद आरबीआर्इ ने भी ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कटौती की है। वहीं निफ्टी 50 भी अपने उच्चतम स्तर से थोड़े से कम यानी 11,713 के स्तर पर बंद हुआ था। पिछले मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी बाजार में करीब 543 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसके साथ ही अप्रैल माह में अब तक कुल विदेशी निवेश 10,094 करोड़ रुपए तक बढ़ा है। 1 फरवरी के बाद से अब कुल विदेशी निवेश 61,293 करोड़ रुपए का रहा है। विदेशी निवेश में तेजी से डाॅलर के मुकाबले रुपए में तेजी देखने को मिली है। 1 फरवरी के बाद से ही डाॅलर के मुकाबले रुपया 3.1 फीसदी की बढ़त पाने में कामयाब रहा है।
साल 2019 में अब तक कुल फाॅरेक्स रिजर्व
माह | निवेश (अरब डाॅलर में) |
4 जनवरी | 393.08 |
11 जनवरी | 397.35 |
18 जनवरी | 396.68 |
28 जनवरी | 398.17 |
1 फरवरी | 400.20 |
8 फरवरी | 398.10 |
15 फरवरी | 397.37 |
22 फरवरी | 399.20 |
1 मार्च | 401.77 |
8 मार्च | 402.03 |
15 मार्च | 405.63 |
22 मार्च | 406.67 |
29 मार्च | 411.91 |
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से लग सकता है रुपए को धक्का
वैश्विक ग्रोथ की धीमी रफ्तार के कयासों के बीच घरेलू बाजार में विदेशी निवेश में तेजी आर्इ है जिससे देश का फाॅरेक्स रिजर्व भी बढ़ा है। इसके साथ रुपए में भी मजबूती देखने को मिली है। आेपेक द्वारा उत्पादन में कटौती के फैसले के बाद कच्चे तेल में भी तेजी आर्इ है। कच्चे तेल में इस तेजी का एक आैर कारण अमरीका द्वारा वेनेजुएला पर लगाया जाने वाला प्रतिबंध भी है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में रही है केंद्र में किसी स्थिर सरकार बनने से बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।