प्याज बनी महंगाई का कारण आकंड़ों की बात करें तो केवल सितंबर माह में प्याज की कीमतों में अकेले 54 फीसदी की उछाल दर्ज की गई है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान सब्जियों में सबसे ज्यादा प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली। बारिश और बाढ़ के चलते देश के कई राज्यों में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलो पर बिका था। जिस कारण खुदरा महंगाई दर में इतनी तेजी देखने को मिली है। वही थोक महंगाई दर की बात करें तो थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर महीने में 0.33 फीसदी पर आ गई है। यह जून 2016 के सबसे निचले स्तर पर है। अगस्त में यह 1.08 फीसदी थी। वहीं पिछले साल सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.22 फीसदी थी।
फूड इंडेक्स भी बढ़ा सितंबर के दौरान डब्ल्यूपीआई फूड इंडेक्स में 5.98 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले महिने अगस्त में यह 5.75 फीसदी थी। इसमें प्राइमरी आर्टिकल्स ग्रुप और मैन्युफैक्चर्ड उत्पाद कैटेगरी के खाद्य उत्पाद शामिल हैं।