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दूसरी छमाही में बरकरार रह सकता है रेपो रेटः रिपोर्ट

locationनई दिल्लीPublished: Nov 13, 2018 07:06:17 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) चालू वित्त वर्ष के बाकी महीनों में रेपो रेट काे मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है।

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दूसरी छमाही में बरकरार रह सकता है रेपो रेटः रिपोर्ट

नर्इ दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) चालू वित्त वर्ष के बाकी महीनों में रेपो रेट काे मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है। साथ ही यह भी उम्मीद जतार्इ जा रही है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फिति दर अनुकूल बनी रहेगी। यदि एेसा होता है तो आरबीआर्इ रेपो रेट को मौजूदा 6.5 फीसदी के स्तर पर ही बरकरार रख सकता है। हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआर्इ) पर अाधारित मुद्रास्फिति एक साल के निम्न स्तर यानी 3.31 फीसदी पर पहुंच गर्इ है।


जबकि सितंबर में यह 3.7 फीसदी रही थी। पिछले वित्त वर्ष के सामान अवधि में यह 3.58 फीसदी पर थी। अक्टूबर माह के खुदरा मुद्रास्फिति अांकड़े पिछले वित्त वर्ष के सितंबर माह की तुलना में न्यूनतम हैं। सितंबर 2017 में खुदरा मुद्रास्फिति 3.28 फीसदी रही थी। कोटक इकोनाॅमिक रिसर्च द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, “मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का मुख्य मुद्रास्फिति पर काफी गहरार्इ से ध्यान रहा है। चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में मुद्रास्फिति के निम्न स्तर पर बने रहने का अनुमान है। इसी को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के बाकी बचे महीनों में रेपो रेट में बढ़ोतरी की कोर्इ उम्मीद नहीं दिखार्इ देती है।”


इस बात का भी अनुमान है कि आगामी महीनों में मुख्य मुद्रास्फिति 2.8 से 4.3 फीसदी के दायरे में बनी रहेगी। गौरतलब है की आरबीआर्इ ने अक्टूबर 2018 की मौद्रकि नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कोर्इ बदलाव नहीं किया था। हालांकि इसके पहले दो बार की बैठकों में लगातार 0.25 फीसदी की वृद्धि किया था जिसके बाद यह 6.5 फीसदी पर पहुंच गया था। मौजूदा समय में रेपो रेट 6.5 फीसदी के स्तर पर बरकरार है। हालांकि रिपोर्ट में यह बात भी कही गर्इ है कि मुद्रास्फिति पर नजर बनाए रखनी होगी। साथ ही यह भी देखना होगा की वित्तीय लक्ष्य से चूकने आैर रुपए की विनिमय दर में गिरावट का मुद्रास्फिति पर कितना प्रभाव पड़ता है।

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