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विमानन राज्यमंत्री ने वित्त मंत्री से लगार्इ गुहार, एटीएफ को जीएसटी के तहत लाया जाए

Published: Oct 30, 2018 02:02:30 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढता घरेलू विमानन बाजार है। इसके बावजूद स्थानीय विमानन कंपनियां को कच्चे तेल के बढ़ते दाम और रुपये में गिरावट की वजह से परेशानी झेलनी पड़ रही है।

Air turbine fuel

विमानन राज्यमंत्री ने वित्त मंत्री से लगार्इ गुहार, एटीएफ को जीएसटी के तहत लाया जाए

नर्इ दिल्ली। अभी तक सिर्फ पेट्रोल अौर डीजल को ही जीएसटी के दायरे में लाने की मांग उठ रही थी। अब एयर टर्बाइन फ्यूल को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग आ गर्इ है। यह मांग खुद विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की है। उन्हाेंने यह मीडिया से बात करते हुए उठार्इ। उन्हाेने कहा कि वो देश के सभी राज्यों आैर वित्त मंत्री से एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में विचार करने को कह रहे हैं। उन्हाेंने इस बारे में सभी से बात भी की है आैर चर्चा भी की है। लेकिन इस मामले में अंतिम फैसला जीएसटी परिषद का ही होगा।

तेजी बढ़ता घरेलू विमानन बाजार
भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढता घरेलू विमानन बाजार है। इसके बावजूद स्थानीय विमानन कंपनियां को कच्चे तेल के बढ़ते दाम और रुपये में गिरावट की वजह से परेशानी झेलनी पड़ रही है। चूंकि विमानन कंपनियां यात्रियों को सस्ते किराये से आकर्षित करने का प्रयास कर रही हैं इसलिए वे टिकट के दाम नहीं बढ़ रही हैं। एटीएफ भारत में एक एयरलाइन की लगभग 35-40 फीसद परिचालन लागत का गठन करता है।

जीएसटी के दायरे से रखा गया था बाहर
बैठक में वित्त सचिव हस्मुख अधिया और नागरिक उड्डयन सचिव आर एन चौबे ने भी भाग लिया। इसमें एयरलाइन के लिए इनपुट लागत कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। गौरतलब है कि पिछले साल 1 जुलाई को माल और सेवा कर (जीएसटी) पेश किया गया था, तब पांच वस्तुओं – कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखा गया था।

 

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