scriptगिरते रुपये से न हों परेशान, जल्द ही बढ़ेगी बाजार की चमक | JP morgan says weakness in rupee is healthy correction, dont worry | Patrika News

गिरते रुपये से न हों परेशान, जल्द ही बढ़ेगी बाजार की चमक

locationनई दिल्लीPublished: Sep 10, 2018 03:10:17 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

आज (सोमवार) को डाॅलर के मुकाबले भारतयी रुपया 72.50 के रिकाॅर्ड निचले स्तर पर फिसल गया है। इसके साथ ही देश का चालू खाता घाटा पिछले पांच साल के न्यूनतम स्तर पर पहुचं गया है।

नर्इ दिल्ली। डाॅलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से सरकार के साथ लोगों की चिंता भी बढ़ गर्इ है। आज सप्ताह के पहले कारोबारी दिन डाॅलर के मुकाबले रुपये का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है। आज (सोमवार) को डाॅलर के मुकाबले भारतयी रुपया 72.50 के रिकाॅर्ड निचले स्तर पर फिसल गया है। इसके साथ ही देश का चालू खाता घाटा पिछले पांच साल के न्यूनतम स्तर पर पहुचं गया है। चीन आैर अमरीका के बीच चल रहे ट्रेड वाॅर से भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के अलग-अलग देशों के करेंसी में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है।


निर्यात को मिलेगा बूस्ट
एक तरफ रुपये में इस कमजोरी के बाद अर्थशास्त्रियों से लेकर आम लोगों तक चिंता बढ़ गर्इ है वहीं वैश्विक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी जेपी माॅर्गन के भारतीय इकार्इ के चीफ इकोनाॅमिस्ट साजिद चिनाॅय काे लगता है कि ये कोर्इ चिंता की बात नहीं है। ब्लूमबर्ग को दिए गए अपने इंटरव्यू में चिनाॅय ने कहा है कि डाॅलर के मुकाबले रुपये में गिरावट एक “स्वस्थ सुधार” है। इससे बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगा। खासकर इसलिए क्योंकि भारत का मैक्रोइकाेनाॅमिक फैक्टर अभी भी मजबूत दिख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि रुपये की कमजोरी से परेशान होने की कोर्इ जरूरत नहीं है। सुधार को लेकर चिनाॅय का मानना है कि समय के साथ वैश्विक विकास में तेजी आएगी आैर निर्यात में सहायता मिलेगा जो कि आगे चलकर एक्सटर्नल गैप को भी कम करने में मददगार होगा।


शुरुआती बाधा के बाद चमकेगी बाजार की किस्मत
गौरतलब है कि माैजूदा साल में सभी एशियार्इ देशों की तुलना में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला करेंसी बन चुका है। साल 2018 के दौरान में अब तक रुपये में 11.78 फीसदी गिरावट दर्ज की जा चुकी है। यही कारण है कि आयात बिल में भी भारी इजाफा हुआ है आैर चालू खाता घाटा भी बढ़कर पिछले पांच साल के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। चिनाॅय ने कहा कि इस साल रुपये में दो चरणों में कमजोरी देखी गर्इ है। पहला मध्य अप्रैल से शुरुअाती अगस्त का। दूसर चरण अपेक्षाकृत थोड़ा चिंताजनक है। इस समय भारत को जरूरत है कि फिलहाल वो इसका सामना करे। चिनाॅय ने कहा कि एक बार जब शुरुअाती बाधा दूर हो जाएगी तो आपको बाजार में तेजी देखने काे मिलेगी। जहां तक चालू खाता घाटे की बात है तो भारत का फाॅरेन एक्सचेंज रिजर्व इसके लिए पर्याप्त है।

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