गूगल को टक्कर
जबकि Google Play Music ने इसी अवधि में 1.25 प्रतिशत से अधिक की सबसे बड़ी शेयर ड्रॉप देखी गई है।
जना के संस्थापक और सीईओ नाथन ईगल ने कहा, भारत में जियो की ग्रोथ थोड़ा आश्चर्यजनक है क्योंकि वे क्षेत्रीय सामग्री को भारी मात्रा में दर्शकों तक पहुंचने की अपनी रणनीति में प्रभावी रहे हैं। क्योंकि कंपनी अपने ग्राहकों को सस्ता डेटा प्रदान करती है इसलिए जियो म्यूजिक बड़ी आसानी से लोगों तक पहुंच रहा है।
कई दिग्गज है मौजूद ऐसा नहीं है कि इंटरनेट म्युजिक इंडस्ट्री के क्षेत्र में केवल गूगल और जियो हैं। बल्कि हंगामा और एयरटेल के विंक के अलावा कई वैश्विक कंपनियां पिछले साल भारत के संगीत स्ट्रीमिंग बाजार में शामिल हुई हैं। अमेज़ॅन ने हाल ही में अपनी प्राइम सदस्यता के साथ अपनी मुफ्त म्यूजिक पेशकश को जोड़ा, जबकि चीनी इंटरनेट टेनसेंट ने गाना के लिए 115 मिलियन डॉलर खर्च किये हैं।
मिलेंगे रोजगार के कई अवसर स्वीडिश डिजिटल संगीत कंपनी स्पॉटिफी ने पिछले साल मुंबई में एक ऑफिस भी शुरू किया था और भारत में 300 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने का दावा किया था। जना के संस्थापक ईगल का कहना है कि सावन-जियो का विलय देखना दिलचस्प होगा और Google, स्पॉटिफाइ और ऐप्पल जैसे वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के खिलाफ लड़ने के लिए यह भारतीय स्ट्रीमिंग प्रदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
ऐसे बढ़ रही है पकड़
इस साल की शुरुआत में जियो म्यूजिक और सावन ऐप में टाइम स्पेंड 32.5 फीसदी था, जिसमें जियो का हिस्सा 25.9% और सावन का 6.6 फीसदी था. Google Play Music ने 2016 में भारत में कदम रखा था, तब इसके लिए 89 रूपये प्रति महीने चुकाने पड़ते थे। जनवरी से मार्च में इसमें ४५.7 फीसदी गिरावट देखि गई है जो अब 40 फीसदी पहुंच गई है।