वित्तीय समस्याओं से जूझ रही जेट एयरेवज ने पायलटों और इंजिनियरों के वेतन भुगतान में लगातार दूसरे महीने देरी की है और इसके चलते पायलटों ने भुगतान में चूक को लेकर प्रबंधन के साथ असहयोग की चेतावनी दी है। नरेश गोयल की निजी एयरलाइन्स जेट एयरवेज नकदी संकट से जूझ रही है। कंपनी को लगातार दो तिमाही में नुकसान हुआ है।
तो वहीं दूसरी तरफ पायलटों का कहना है कि मैनेजमेंट इस बात पर राजी हुआ था कि वेतन में देरी नहीं होगी। अगर, ऐसा होगा तो पहले ही बता दिया जाएगा। लेकिन, इन दोनों शर्तों का उल्लंघन किया। पायलटों ने मांग रखी कि पिछले तीन महीने में कंपनी में जो गैर-जरूरी समितियां बनाई गईं, उन्हें भंग किया जाए। महंगे कर्मचारियों की भर्ती तुरंत रोकी जाए। पायलटों ने पिछले महीने सीईओ को पत्र लिखकर गैर-जरूरी खर्चों में बढ़ोतरी पर भी नाराजगी जताई।
जून में एयरलाइंस ने सैलरी में 25% कटौती का प्रस्ताव रखा। लेकिन, पायलट यूनियन के विरोध के बाद प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। अप्रैल-जून तिमाही में जेट एयरवेज को 1,323 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। जनवरी-मार्च में 1,036 करोड़ का नुकसान हुआ था। हवाई ईंधन महंगा होने, डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट और सस्ते टिकटों के कंपीटीशन की वजह से एयरलाइंस पर दबाव बढ़ा।