scriptवित्त वर्ष 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 7.1 फीसदी रहने का अनुमान, वैश्विक जीडीपी भी 3 फीसदी से कम रहेगी | Indian Economy growth rate to be at 7.1 percent in FY 2019-20 | Patrika News

वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 7.1 फीसदी रहने का अनुमान, वैश्विक जीडीपी भी 3 फीसदी से कम रहेगी

locationनई दिल्लीPublished: May 22, 2019 01:07:40 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
मजबूत घरेलू खपत और निवेश वृद्धि को समर्थन देते रहेंगे जिसके 2019 में 7.0 फीसदी तथा 2020 में 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2018 के मुकाबले घटने का अनुमान जताया गया है।

Indian Economy

वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 7.1 फीसदी रहने का अनुमान, वैश्विक जीडीपी भी 3 फीसदी से कम रहेगी

नई दिल्ली। भारत में मजबूत घरेलू खपत और निवेश से आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 में 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि यह इस साल जनवरी में लगाये गये 7.4 फीसदी के अनुमान से कम है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। संयुक्त राष्ट्र की 2019 मध्य के लिये विश्व आर्थिक स्थिति तथा संभावना (डब्ल्यूईएसपी) रिपोर्ट में दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय उत्पादन में दो तिहाई हिस्सेदारी रखने वाला भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 7.2 फीसदी थी।

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जनवरी में लगाये गए अनुमार से कम

रिपोर्ट में कहा गया है, “मजबूत घरेलू खपत और निवेश वृद्धि को समर्थन देते रहेंगे जिसके 2019 में 7.0 फीसदी तथा 2020 में 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है।” हालांकि रिपोर्ट में जताया गया अनुमान इस साल जनवरी में जारी अनुमान से कम है। उस समय 2019 और 2020 में आर्थिक वृद्धि दर क्रमश: 7.6 तथा 7.4 फीसदी रहने की संभावना जतायी गयी थी। इसके बावजूद भारत आर्थिक वृद्धि के मामले में चीन से आगे दुनिया का प्रमुख देश बना हुआ है। डब्ल्यूईएसपी के अनुसार सभी प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है। साथ कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का वृद्धि परिदृश्य भी कमजोर हुअबा है। वृद्धि दर अनुमान कम किये जाने के बावजूद भारत मजबूत घरेलू मांग के बीच बेहतर स्थिति में है।

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क्या है चुनौती

रिपोर्ट में भारत समेत दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि में बुनियादी ढांचा बाधाओं को चुनौती बताया गया है। वहीं चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2018 के मुकाबले घटने का अनुमान जताया गया है। जहां 2018 में यह 6.6 फीसदी थी वहीं 2019 में इसके 6.3 फीसदी तथा 2020 में 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के बारे में इसमें कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत अनिश्चितता तथा कंपनियों के कमजोर आत्मविश्वास विश्व की आर्थिक वृद्धि के लिये चुनौती है। इसको देखते हुए वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अनुमानों को जनवरी की तुलना में घटा दिया गया है।

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वैश्विक जीडीपी 3 फीसदी से कम रहने का अनुमान

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में वैश्विक सकल उत्पाद वृद्धि दर 2018 के 3.0 फीसदी के मुकाबले कम रहने का अनुमान है। वर्ष 2019 में इसके 2.7 फीसदी और 2020 में 2.9 फीसदी रहने की संभावना है। यह इस साल जनवरी की रिपोर्ट में लगाये गये अनुमान के मुकाबले कम है। जनवरी की रिपोर्ट में इसके 2019 और 2020 में 3.0-3.0 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। इसमें कहा गया है कि घरेलू तथा वैश्विक कारकों से सभी बड़े विकसित अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील क्षेत्रों में वृद्धि परिदृश्य कमजोर हुआ है। विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि में नरमी के पीछे कई कारकों को चिन्हित किया गया है जिसमें अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार तनाव फिर से बढऩा, वित्तीय स्थिति में अचानक गिरावट तथा जलवायु परिवर्तन का बढ़ता प्रभाव शामिल हैं।

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ट्रेड वॉर से भी झटका

संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अर्थशास्त्री तथा आर्थिक विकास मामलों के सहायक महासचिव एलियट हैरिस ने कहा, “वृद्धि में मौजूदा नरमी से निपटने के लिये अधिक व्यापक और लक्षित नीतिगत पहल की जरूरत है।” डब्ल्यूईएसपी रिपोर्ट में व्यापार विवाद बने रहने तथा उच्च शुल्क की दर के कारण 2019 के लिये विश्व व्यापार की वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 2.7 फीसदी कर दिया गया है। जबकि 2018 में यह 3.4 फीसदी थी। रिपोर्ट में आगाह करते हुए कहा है कि अतिरिक्त शुल्क लगाने, जवाबी कार्रवाई से विकासशील देशों खासकर निर्यात पर आश्रित अर्थव्यवस्था पर उल्लेखनीय रूप से प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं कमजोर अंतरराष्ट्रीय व्यापार गतिविधियों के लंबे समय तक बने रहने से निवेश संभावना को भी नुकसान पहुंच सकता है और मध्यम अवधि में उत्पादकता वृद्धि पर असर होगा।

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