scriptIMF ने कहा- 2020 में 7.5 फीसदी रहेगी भारत की विकास दर, निवेश बढऩे से खपत में तेजी की उम्मीद | IMF says indian GDP growth rate to be 7.5 percent in 2020 | Patrika News

IMF ने कहा- 2020 में 7.5 फीसदी रहेगी भारत की विकास दर, निवेश बढऩे से खपत में तेजी की उम्मीद

locationनई दिल्लीPublished: Apr 09, 2019 08:38:55 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रहेगी।
पिछले सप्ताह ही आरबीआई ने घटाया था अपना पुर्वानुमान।
आईएमएफ ने कहा- भारत में निवेश में तेजी से खपत बढ़ने की उम्मीद।

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IMF ने कहा- 2020 में 7.5 फीसदी रहेगी भारत की विकास दर, निवेश बढऩे से खपत में तेजी की उम्मीद

नई दिल्ली। अपने आगामी बैठक से पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दक्षिण एशियाई देशों के विकास दर की रिपोर्ट जारी कर दी है। विकास दर के मामले में भारत लगातार दूसरी बार अपने पड़ोसी चीन को मात दे सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( International Monetary Fund ) के अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 7.3 फीसदी रहेगी। आईएमएफ ने साल 2020 में भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।


भारत से पीछे है चीन

चीन को लेकर आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि साल 2019 में विकास दर 6.3 फीसदी रहेगा। वहीं, साल 2020 के लिए चीन की विकास दर और भी गिरकर 6.1 फीसदी रहेगा। बताते चलें कि पिछले साल यानी 2018 मेंं चीन का विकास दर 6.6 फीसदी रही थी। जबकि, इस दौरान भारत की विकास दर 7.1 फीसदी रही थी। भारतीय विकास दर में तेजी को लेकर आईएमफए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में निवेश में तेजी आई थी जिसके बाद खपत अधिक होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद ( GDP ) 7.2 फीसदी रही।


केंद्रीय बैंक ने भी घटाया था अपना अनुमान

जनवरी माह में वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के ग्रोथ के अनुमान को 20 आधार तक घटाया गया था। पिछले सप्ताह ही एशियन डेवलपमेंट बैंक ( ADB ) और भारतीय रिजर्व बैंक ( rbi ), दोनों ने ही भारत ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.4 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने इसको लेकर कहा था कि वैश्विक आर्थिक मंदी और घरेलू निवेश में कमजोरी की वजह से उसने यह फैसला लिया है। दिसंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले पांच तिमाहियों के 6.6 फीसदी के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद केंद्रीय सांख्यिकी विभाग ने भी वित्त वर्ष 2018-19 के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया था।

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