scriptलॉटरी पर एक समान टैक्स के पक्ष में सरकार, जीएसटी काउंसिल 20 फरवरी को लेगी फैसला | Government in favour of uniform tax on lottery | Patrika News

लॉटरी पर एक समान टैक्स के पक्ष में सरकार, जीएसटी काउंसिल 20 फरवरी को लेगी फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Feb 18, 2019 08:14:54 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

लाॅटरी पर एक समान जीएसटी लगाने के पक्ष में सरकार।
मंत्रियों के पैनल ने जतार्इ सहमति।
जीएसटी काउंसिल की आगामी 20 फरवरी को होने वाले बैठक में लिया जाएगा अंतिम फैसला।
जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में रियल एस्टेट पर टैक्स को लेकर भी हो सकता है फैसला।

GST

लॉटरी पर एक समान टैक्स के पक्ष में सरकार, जीएसटी काउंसिल 20 फरवरी को लेगी फैसला

नर्इ दिल्ली। राज्यों के मंत्री समूह की पैनल ने लाॅटरी के लिए एक समान टैक्स 18 फीसदी या 28 फीसदी लगाने के पक्ष में है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय में अागामी 20 फरवरी को जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा। वर्तमान में, राज्य संगठित लाॅटरी पर 12 फीसदी जीएसटी व राज्य अधिकृत लाॅटरी पर 28 फीसदी टैक्स के तौर पर देय है। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के तहत मंत्रियों के आठ-सदस्यीय समूह ने राज्य द्वारा आयोजित लॉटरी पर जीएसटी दर 18 फीसदी या 28 फीसदी करने का समर्थन किया। जबकि राज्य-अधिकृत लॉटरी पर जीएसटी दर 28 फीसदी पर बरकरार रखी जाएगी या 18 फीसदी तक लाई जाएगी।

यह भी पढ़ें

RBI ने केंद्र सरकार को दिया तोहफा, अंतरिम डिविडेंड के तौर पर देगा 28 हजार करोड़ रुपए

ये लोग रहे मंत्री समूल के सदस्य

एक अधिकारी ने कहा, “जीओएम ने राज्य-संगठित और राज्य-अधिकृत लॉटरी दोनों के लिए एक समान जीएसटी दर का समर्थन किया। बुधवार को जीएसटी परिषद द्वारा उस दर को 18 प्रतिशत या 28 प्रतिशत किया जाना चाहिए।” समिति के अन्य सदस्यों में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक, असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, गोवा के पंचायत मंत्री मौविन गोदिन्हो, कर्नाटक के वित्त मंत्री कृष्णा बायर गौड़ा रहे।

यह भी पढ़ें

अनिल अंबानी को मिली राहत, कर्जदाताओं से समझौते के बाद 11 फीसदी उछले R Comm के शेयर्स

रियल एस्टेट सेक्टर पर जीएसटी को लेकर हो सकता है फैसला

33वीं GST परिषद की बैठक में वर्तमान में 12 फीसदी से ITC के बिना निर्माणाधीन आवासीय संपत्तियों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) को कम करने का मुद्दा उठाया जाएगा। किफायती आवास खंड पर, यह सुझाव दिया गया था कि जीएसटी को 8 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया गया है। वर्तमान में, अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी या रेडी-टू-मूव-इन फ्लैट्स के लिए किए गए भुगतान पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के साथ 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जाता है जहां बिक्री के समय पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। ऐसी हाउसिंग प्रॉपर्टी पर प्रभावी GST पूर्व की घटना 15-18 फीसदी थी।

यह भी पढ़ें

बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़े घोटाले के बाद PNB ने पकड़ी रफ्तार, वित्त वर्ष 2020 में हो सकता है सालाना मुनाफा

बिल्डर्स नहीं दे रहे थे घर खरीदारों को जीएसटी का लाभ

हालांकि, अचल संपत्ति संपत्तियों के खरीदारों पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है जिसके लिए बिक्री के समय पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी किया गया है। ऐसी शिकायतें आई हैं कि बिल्डर्स जीएसटी के रोलआउट के बाद संपत्ति की कीमत में कमी के माध्यम से उपभोक्ताओं को आईटीसी के लाभ नहीं दे रहे हैं, जिसके बाद जीएसटी परिषद ने रियल्टी क्षेत्र को बढ़ावा देने के तरीकों का सुझाव देने के लिए एक मंत्री पैनल का गठन किया था।

Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business news in hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो