एक दशक में पहली बार इतनी बड़ी राशि बट्टे खाते में रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में सभी 21 सरकारी बैंकों ने करीब 1.20 लाख करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाले हैं। बैंकों के नियमों के अनुसार यदि किसी राशि को बट्टे खाते में डाल दिया जाता है तो वह एनपीए बैलेंसशीट की हिस्सा नहीं रहती है। इसके बदले बैंक अपनी आय से पूर्ति कर देता है। एजेंसी के अनुसार बीते 10 वर्षों में यह पहला मौका है जब बैंकों ने इतनी बड़ी राशि बट्टे खाते में डाली है। यह राशि सरकारी बैंकों को बीते वित्त वर्ष में हुए कुल घाटे से करीब 140 फीसदी ज्यादा है। आपको बता दें कि सरकारी बैंकों को वित्त वर्ष 2017-18 में करीब 85370 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
भारतीय स्टेट बैंक सबसे आगे रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार बीते वित्त वर्ष में डूबे हुए कर्ज को बट्टे खाते में डालने में देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सबसे आगे है। एजेंसी के अनुसार एसबीआई ने 40,196 करोड़ रुपए, केनरा बैंक ने 8310 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक ने 7407 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 4948 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 10,307 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ इंडिया ने 9,093 करोड़ रुपए, आईडीबीआई बैंक ने 6,632 करोड़ रुपए और इलाहाबाद बैंक ने 3648 करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाले हैं।