2009 में वापस लिया प्रवधान
आपको बता दें कि साल 2009 के बाद ईपीएफओ ने इस प्रवधान को वापस ले लिया था। ‘कम्युटेशन’ सिस्टम में अगले 15 साल तक मिलने वाली पेंशन राशि के एक तिहाई अमाउंट की कटौती की जाती थी और बाद में इस राशि को पेंशनधारक को एकमुश्त करके दे दिया जाता था, लेकिन साल 2009 के बाद सरकार ने इस सिस्टम को बंद कर दिया था।
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21 अगस्त को हुई बैठक
‘कम्युटेशन’ सिस्टम में 15 साल तक पेंशनर्स को कम पेंशन मिलती है और 15 का समय जब पूरा हो जाता है तो उनको फिर पूरी पेंशन मिलने लगती है। EPFO की ओर से इस बारे में बयान जारी किया गया है। बयान में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एक बड़े फैसले में EPFO का निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने 21 अगस्त 2019 को हैदराबाद में बैठक की थी। इस बैठक में इस बारे में जानकारी दी गई।
6.3 लाख लोगों को होगा फायदा
बैठक में कम्युटेशन के तहत एक मुश्त राशि लेने के 15 साल बाद पेंशनभोगी की पूरी पेंशन बहाल करने के लिए EPS-95 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सरकार की इस मंजूरी के बाद सीधा फायदा 6.3 लाख पेंशनभोगियों को होगा।
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भारतीय मजदूर संघ ने दी जानकारी
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव ब्रिजेश उपाध्याय ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पेंशन के ‘कम्युटेशन’ को बहाल करने की मांग काफी समय पहले से चल रही थी। इससे पहले ईपीएस-95 के तहत सदस्य 10 साल के लिये एक तिहाई पेंशन के बदले एक मुश्त राशि ले सकते थे। पूरी पेंशन 15 साल बाद बहाल हो जाती थी। यह व्यवस्था सरकारी कर्मचारियों के लिये उपलब्ध है।
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