script6 करोड़ अंशधारकों को मोदी सरकार ने दिया तोहफा, बढ़ गई PF पर मिलने वाली ब्याज दर | EPFO hikes interest rate on PF by 10 basis point | Patrika News

6 करोड़ अंशधारकों को मोदी सरकार ने दिया तोहफा, बढ़ गई PF पर मिलने वाली ब्याज दर

locationनई दिल्लीPublished: Feb 22, 2019 07:28:49 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

EPFO ने पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दरों में 10 आधार अंक बढ़ाया।
अब 8.55 फीसदी की जगह 8.65 फीसदी मिलेगी ब्याज दर।
न्यूनतम पेंशन पर अगली बैठक में लिया जाएगा फैसला।

EPFO

ag

नई दिल्ली। सरकार ने नौकरी पेशा लोग व पेंधनधारकों को चुनाव से ठीक पहले बड़ा तोहफा दिया है। गुरुवार को सरकार ने घोषणा किया कि कर्मचारी भविष्य नीधि संगठन ने प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाली ब्याज दर को 8.55 फीसदी से बढ़ाकर 8.65 फीसदी तक कर दिया है। ईपीएफओ ने कहा है कि पीएफ खातों पर दस आधार अंकों की यह बढ़ोतरी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए होगी। ईपीएफओ के इस कदम से सीधे तौर पर 6 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा।

यह भी पढ़ें – मुकेश अंबानी की इस एक छोटी सी गलती से मुसीबत में फंसे अनिल अंबानी, जानिए क्या है पूरा मामला।

https://twitter.com/ANI/status/1098541231360143360?ref_src=twsrc%5Etfw

अगले बैठक में होगा न्यूनतम पेंशन पर फैसला

वित्त वर्ष 16 के बाद से यह पहला मौका है जब पीएफ खातों पर मिलने वाली ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ईपीएफओ बोर्ड ने न्यूनतम पेंशन को लेकर भी चर्चा की। हालांकि, इस मसले पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। बोर्ड ने कहा इस पर अगले बैठक में चर्चा की जाएगी।इसके पहले कयास लगााए जा रहे थे कि न्यूनतम पेंशन को लेकर भी आज फैसला लिया जा सकता है।

यह भी पढ़ें – इस खास मामले में भी मुकेश अंबानी ने दुनियाभर में लहराया परचम, जेफ बेजोस तक को छोड़ा पीछे

वित्त मंत्रालय से लेनी होगी मंजूरी

बता दें कि सेंट्रल बोर्ड आॅफ ट्रस्टीज (सीबीटी) श्रम मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है और ईपीएफओ से जुड़े मसले पर फैसले लेने के लिए जिम्मेदार है। सीबीटी ही एक वित्तीय वर्ष में पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर के बारे में फैसला लेती है। हालांकि, इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की तरफ से मंजूरी लेनी हाेगी। इसके पहले वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ईपीएफओ ने पीएफ खातों पर ब्याज दर 8.55 फीसदी कर दिया था। हालांकि, 2016-17 में ब्याज दरर 8.65 फीसदी था। 2015-16 में यह 8.8 फीसदी था।

Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।

ट्रेंडिंग वीडियो