scriptइस साल हो सकता है भारतीय विमान कंपनियों को 1.9 अरब डॉलर तक का नुकसान | Domestic aviation companies losses to be worth 1.90 billion | Patrika News

इस साल हो सकता है भारतीय विमान कंपनियों को 1.9 अरब डॉलर तक का नुकसान

locationनई दिल्लीPublished: Sep 04, 2018 03:47:54 pm

Submitted by:

manish ranjan

भारतीय विमान कंपनियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान तकरीबन 1.65 से 1.90 अरब डॉलर यानी 11 लाख करोड़ से 13 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा हैं।

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इस साल हो सकता है भारतीय विमानन कंपनियों का घाटा 1.9 अरब डॉलर तक नुकसान

नई दिल्ली। भारतीय विमान कंपनियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान तकरीबन 1.65 से 1.90 अरब डॉलर यानी 11 लाख करोड़ से 13 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा सकता हैं। कंपनियों को ये नुकसान लागत बढ़ने और आय कम होने के कारण होने वाला हैं। एविएशन कंसल्टिंग फर्म CAPA इंडिया के मुताबिक बड़ी – बड़ी एयरलाइन जैसे जेट एयरवेज जैसी एयरलाइंस का नुकसान बढ़ता ही जा रहा हैं। चालू वित्त वर्ष में ये कंपनियां घाटे में चल रही हैं।
तेल के बढ़ते दामों से हुआ एयलाइंस को नुकसान
इससे पहले ये अनुमान लगाया जा रहा था की कंपनियों को 43 से 46 करोड़ डॉलर तक का घाटा हो सकता हैं। सिडनी स्थित सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (कापा) की भारतीय इकाई ने सोमवार को मिड-ईयर एविएशन आउटलुक 2019 में कहा कि इन कंपनियों को जून तिमाही में भारी नुकसान होने वाला हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद एयरलाइन को हो रहे इस नुकसान की मुख्य वजह CAPA ने रुपए में गिरावट और तेल की कीमतों में इजाफा को बताया। CAPA ने सोमवार को जारी की गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि रुपए की मूल्य में गिरावट और तेल की कीमतों में इजाफा की वजह से एयलाइंस का घाटा और ज्यादा बढ़ रहा है।
घाटे के बाद भी नहीं बढ़ाये दाम
हर दिन बढ़ते तेल के दामों से एयरलाइन को भारी नुकसान हो रहा हैं। इस पर CAPA ने कहा कि घाटे की भरपाई के लिए टिकटों के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड की इंडिगो एयरलाइंस को छोड़कर किसी भी एयरलाइंस का बैलेंस शीट मजबूत नहीं है। बता दें कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से उभरता हुआ डोमेस्टिक एविएशन मार्केट है। यहां एयरलाइंस कंपनियों ने सौकड़ों नए एयरबस एसई और बोइंग जेट्स के ऑर्डर दिए हैं। विमानों में करीब 90 प्रतिशत सीटें भरी रहने के बाद भी एयरलाइंस को मुनाफा कमाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यह स्थिति तब है जब पिछले 4 सालों में घरेलू यात्रियों की तादाद करीब दोगुनी से ज्यादा हो गई है।
देश की दो बड़ी एयलाइंस की हालत खस्ता
देश की दो बड़ी एयलाइंस कंपनिया बहुत बुरे हालात से गुजार रही हैं। एयर इंडिया लिमिटेड समेत भारतीय एयरलाइंस को अपनी बैलेंस शीट को बढ़ाने के लिए 3 अरब डॉलर (करीब 21,406 रुपये) पूंजी की फौरी जरूरत है। तो वहीं जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड की वित्तीय हालत खस्ता है। पिछले महीने आई रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को अप्रैल-जून क्वॉर्टर के दौरान 1,323 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। जेट एयरवेज लागत कम करने और पूंजी लगाने की योजना पर काम कर रहा है।
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