लोग भूल गए अपनी संपत्ती
डिमेंशिया बीमारी के कारण लोगों को याद ही नहीं है कि उनकी दौलत कितनी है और कहां है। लोगों के बीच ये बीमारी बढ़ती ही जा रही है। जिसके कारण सरकार को इन लोगों की संपत्ती का रख-रखाव करना पड़ रहा है। संपत्ती के मालिक के बारे में कोई जानकारी ना होने के कारण सरकार को रख-रखाव में काफी परेशानी हो रही है।
इकोनॉमी पर पड़ सकता है असर
दाई-इची लाइफ की रिपोर्ट के अनुसरा अभी तक सरकार के पास जो रकम है वो जापान की इकोनॉमी के तिहाई भाग के बराबर है। इससे यहां की सरकार की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। अगर जल्द ही इन संपत्तियों के मालिक का कोई पता नहीं चला तो सरकार पैसा और दौलत देश के हित और लेन देन में इस्तेमाल करना चाहती है। जिससे जापान की अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी हो सके, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। क्योंकि इस दौलत के मालिकों की सही-सही जानकारी न होने के चलते यह दौलत फ्रीज होकर रह गई है।
सरकार कर रही पीड़ितो की मदद
जापान के ब्रोक्रेजर और बैंक इन संपत्तियों के मालिक के बारे में जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी है। जापान के कुछ सरकारी वित्तीय संस्थानों का कहना है कि पीड़ितो को अनुमति है कि वह अपने अकाउंट को दो हिस्सों लीविंग एक्सपेंस और सेविंग्स में बांट सकें। ऐसा करने से बुढ़ापे में पीड़ित आसानी से अपना जीवन जी सकते हैं। सरकार ने एक और प्लान के तहत पांच लाख से अधिक डिमेंशिया से पीड़ित जापानी लोगों के लिए फानेंशियल गार्जियन के तौर पर परिवारजनों , दोस्तों को नियुक्त किया है।