Published: Sep 19, 2018 12:01:00 pm
Saurabh Sharma
अब कांग्रेस आैर बीजेपी दोनों पार्टियों की आेर से जो योजना बनार्इ गर्इ है वो जनता को आैर ज्यादा परेशान कर सकती है।
जनता के चंदे से 2019 चुनाव जीतने के तैयारी में जुट गई कांग्रेस और बीजेपी, आपकी जेब खाली करने का ये है प्लान
नर्इ दिल्ली। 2019 के लिए देश की दोनों सबसे बड़ी पार्टियों की आेर से काउंटडाउन शुरू हो गया है। जहां राहुल गांधी फुल फाॅर्म में आ गए हैं। वहीं दूसरी आेर पीएम नरेंद्र मोदी भी इलेक्शन मोड में आ चुके हैं। अब जो दोनों पार्टियों की आेर से योजना बनार्इ गर्इ है वो जनता को आैर ज्यादा परेशान कर सकती है। क्योंकि दोनोें की ही नजरें देश की जनता के वोटों के साथ नोटों पर भी हैं। दोनों पार्टियों की आेर से कुल एक हजार करोड़ रुपए का प्लान बनाया गया है। ताकि आपके रुपयों से ही आपके वोट लेकर राजनीतिक रोटियां सेंक सके। आइए आपको भी बताते हैं कैसे?
पहले जानते हैं राहुल गांधी का प्लान
जानकारी के अनुसार कांग्रेस फंड जुटाने के लिए बड़े स्तर पर प्रचार अभियान शुरू करने वाली है। कांग्रेस ये प्रचार महात्मा गांधी के जन्मदिन यानी 2 अक्टूबर को शुरू करेगी आैर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के जन्मदिन 19 नवंबर को खत्म करेगी। कांग्रेस ने इस अभियान के तहत 500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। प्लान के मुताबिक हर बूथ से 5000 रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बारे में पार्टी ने अपने बूथ स्तर के कार्यकर्ताआें को निर्देश भी दे दिया है। कार्यकर्ताआें को निर्देश में कहा गया है कि वो डोर टू डोर जाकर पांच से 10 रुपए जुटाए। इसके साथ ही वो हर घर में पार्टी के पम्प्लेट अौर पुस्तिका भी बांटे।
ये है मोदी प्लान
वहीं दूसरी आेर पीएम नरेंद्र मोदी ने वोटर्स की जेब से नोट निकलवाने का नया प्लान बनाया है। पार्टी से जुड़े एक सूत्र के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान एक बार फिर सोशल मीडिया को प्राथमिकता दी है। इसी के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ने और पार्टी को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से नमो एप के जरिए यह छोटा चंदा लेने की योजना बनाई गई है। पार्टी से जुड़े सूत्र के अनुसार, बहुत से लोग पार्टी में किसी तरह से योगदान देना चाहते थे और इसलिए माइक्रो डोनेशन सुविधा शुरू की है। भारतीय जनता पार्टी की वेबसाइट के जरिए भी पार्टी को कोई भी राशि दान की जा सकता है। नमो एप की नई सुविधा में अनुसार कोई भी व्यक्ति 5 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक भारतीय जनता पार्टी को चंदा दिया जा सकता है।
जनता के नोटों की जरुरत क्यों?
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर दोनों पार्टियों को जतना के नोटों की जरुरत क्यों पड़ रही है? अगर कांग्रेस के परिपेक्ष्य में बात करें तो मौजूदा समय में कांग्रेस के पास फंड के नाम पर काफी कम रुपया है। चुनाव लड़ने के लिए रुपयों की जरुरत होगी ही। एेसे में कंगाल कांग्रेस को इलेक्शन फंड जुटाने का इससे बेहतर तरीका नहीं सूझ रहा है। वहीं बीजेपी की बात करें तो पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी ने अपने बजट से ज्यादा खर्च कर दिया है। बदले में रिजल्ट भी उतना बेहतर नहीं मिला है। यूपी चुनावों को छोड़ दिया जाए तो जहां भी चुनाव हुए वहां बीजेपी को बड़ी सफलता नहीं मिली है। सबसे महंगा चुनाव तो कर्नाटक का पड़ा है। एेसे में पार्टी के खजाने में काफी बुरा असर पड़ा है।
60 हजार करोड़ रुपए का होगा चुनाव
सेंटर फाॅर मीडिया स्टडीज के अनुसा 2019 में होने वाला लोकसभा चुनाव करीब 60 हजार करोड़ रुपए का हो सकता है। खर्चे के मामले में भारतीय इतिहास का यह सबसे महंगा आैर 2014 के चुनावों के मुकाबले दोगुना महंगा चुनाव होगा। एेसे में फंड के नाम दोनों पार्टियों के पास काफी कमी है। आपको बता दें कि 2017 में हुए यूपी चुनाव में 5500 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वहीं कर्नाटक चुनाव में 10500 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियों का खर्च 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक था। एेसे में लगातार महंगे होते इलेक्शन के खर्च को पूरा करने के लिए पार्टियां जनता से मदद मांगने में कोर्इ गुरेज नहीं कर रही हैं।