अखिल भारतीय स्तर पर हो रहा रोजगार का सृजन
कांत ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम से इतर कहा कि जब कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे गैर – राजग शासित राज्य यह दावा कर रहे हैं कि नौकरियां सृजित हो रही है तो ऐसा संभव नहीं है कि अखिल भारतीय स्तर पर रोजगार सृजन नहीं हो रहा हो। उन्होंने कहा, “यह कैसे संभव है कि हम 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहे हैं और रोजगार सृजित नहीं हो रहे हैं ? यह संभव नहीं है।”
रोजगार को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी दिया था बयान
कांत ने जोर दिया , “यदि पश्चिम बंगाल और कर्नाटक कह रहे हैं कि उनके – उनके राज्यों में रोजगार सृजित हो रहे हैं तो यह कैसे संभव है कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई रोजगार सृजित नहीं हो रहा है।” हाल ही में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि बिना रोजगार सजृन के अर्थव्यवस्था 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल नहीं कर सकती है। कांत का यह बयान अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की उस रिपोर्ट के बाद आया है , जिसमें कहा कि रोजगार के अवसर घटे हैं और 2016 से 2018 के दौरान 50 लाख लोगों का रोजगार छिना है।
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