scriptMarwari Shadi ke Niyam: पिट्ठी से लेकर निकाशी तक, यहां देखें मारवाड़ी शादी की 10 अनोखी रस्में | rules of Marwari wedding haldi mehandi marwari shadi kaise hoti hai | Patrika News
दस का दम

Marwari Shadi ke Niyam: पिट्ठी से लेकर निकाशी तक, यहां देखें मारवाड़ी शादी की 10 अनोखी रस्में

मारवाड़ी शादी (Marwari Marriage) की बात ही कुछ और होती है, इस शादी में बाकियों की रस्म से बहुत कुछ अलग और रोमांचक होता है। शादी की शुरुआत से लेकर बहू के गृह प्रवेश तक अलग अलग रस्मों से पूरी शादी सजी होती है। आज हम आपको ऐसी ही 10 रस्मों से रू-ब-रू कराते हैं।

Feb 24, 2024 / 02:29 pm

Suman Agarwal

ganesha in marwari shadi

ganesha in marwari shadi

Marwari Shadi Ke Niyam: मारवाड़ी शादी की बात ही कुछ और होती है, इस शादी में बाकियों की रस्म से बहुत कुछ अलग और रोमांचक होता है। शादी की शुरुआत से लेकर बहू के गृह प्रवेश तक अलग अलग रस्मों से पूरी शादी सजी होती है। आज हम आपको ऐसी ही 10 रस्मों से रू-ब-रू कराते हैं।
सबसे पहले भात न्योतने से शुरू होती है शादी की रस्में

मारवाड़ी शादियों से जुड़े सबसे पहले विवाह-पूर्व समारोहों में से एक है। इसे अधिकतर मारवाड़ी समुदाय मनाता है। इस अनुष्ठान के हिस्से के रूप में, दूल्हा और दुल्हन कुछ उपहार वस्तुओं के साथ एक-दूसरे को शादी का निमंत्रण भेजते हैं। इसके अलावा, परिवार एक-दूसरे को आश्वासन देते हैं कि वे आगामी शादी समारोहों के लिए समर्थन जारी रखेंगे।
रात्री जोगा

शादी से एक या दो रात पहले रात्री जोगा जैसे कार्य़क्रम होता है। ये बुरी शक्तियों से बचाने के लिए किया जाता है। इस प्रथा के तहत दीवारों पर पवित्र प्रतीकों को चित्रित किया जाता है। दूल्हे का परिवार दुल्हन के घर जाता है, और दोनों पक्ष बहुमूल्य उपहार और मीठे व्यंजनों का आदान-प्रदान करते हैं।

पिट्ठी लगाना

आम भाषा में हल्दी के कार्यक्रम को पिट्ठी लगाना कहते हैं। दुल्हा दुल्हन एक दूसरे के घर पर ही इस अनुष्ठान को करते हैं। छोटे बच्चे इसमें खूब मस्ती करते हैं, वे अपनी बुआ या चाचा को जो दुल्हा दुल्हन बन रहे हैं उन्हें जमकर हल्दी का लेप लगाते हैं, उनकी पीठ पर घिसते हैं, इसलिए इसे पिट्ठी कहते हैं।
पल्ला और जानेव

एक और आकर्षक रस्म है पल्ला और जानेव, जहां दूल्हा और दुल्हन हिस्सा लेते हैं। पल्ला समारोह के हिस्से के रूप में, दूल्हे का परिवार दुल्हन के घर जाता है और दुल्हन को कपड़े और फैशनेबल गहनों का एक शानदार सेट उपहार में देता है। शादी के दिन दुल्हन ये सब पहनेगी। इस बीच, जनेव समारोह में, दूल्हा एक पवित्र धागा पहनेगा, जिसे जनेव के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस धागे को पहनने से दंपत्ति का वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्ध रहेगा।
गणेश की स्थापना

कोई भी शुभ कार्य से पहले गणेश की पूजा और स्थापना की जाती है, ताकी सारे कार्य़ निर्विघ्न संपन्न हो सके। दुल्हा और दुल्हन परेशानी मुक्त और शानदार विवाह समारोह के लिए भगवान गणेश से प्रार्थना करते हैं। शादी के दिन से पहले दूल्हा और दुल्हन दोनों अलग-अलग नंदी गणेश पूजा करेंगे। चूँकि भगवान गणेश को खुशियों का देवता माना जाता है जो शुभ संकेत लाते हैं, इसलिए राजस्थानी लोग इस अनुष्ठान के रूप में मनाते हैं।
मुद्दा (तिलक समारोह)

मुद्दा या तिलक दुल्हे का होता है, इस दिन दुल्हे को दुल्हन के घर वालों की ओर से तिलक लगाकर कुछ सौगात दी जाती है। फल और मिठाई की टोकड़ी दी जाती है।
haldi.png
निकासी

शादी से पहले लड़के की निकासी निकलती है, दुल्हे के सारे दोस्त और रिश्तेदार दुल्हन को लेने के लिए निकलते हैं उससे पहले उसका तिलक और कुछ रस्में होती है, उसे सेहरा पहनाया जाता है। इस रस्म में भाभी देवर की आंखों में काजल लगाती हैं और नेग लेती हैं।
घरवा

घरवा मतलब लड़की के मामा की ओर से लड़की को शादी में देने की चीजों की प्रदर्शनी और पूजा की जाती है। दरअसल, इसे शुभ माना जाता है।

कोरथ
इस अनुष्ठान के दौरान पंडित के साथ दुल्हन के परिवार के बड़े सदस्य बारात (दूल्हे की पार्टी) का स्वागत करते हैं। गर्मजोशी से स्वागत के बाद बारात समारोह स्थल के लिए रवाना होती है

Home / Dus Ka Dum / Marwari Shadi ke Niyam: पिट्ठी से लेकर निकाशी तक, यहां देखें मारवाड़ी शादी की 10 अनोखी रस्में

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो