शुक्रवार को पीले कपड़े में नारियल बांधकर करें ये उपाय, जल्द बन जाएंगे करोड़पति 1.
शिव पुराण के अनुसार कालाष्टमी के दिन कभी भी भगवान शिव की पूजा न करें। क्योंकि इस दिन भोलेनाथ रौद्र रूप में होते हैं।
2.हिंदू शास्त्रों के मुताबिक एक दिन भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया था। तभी सभी देवताओं और मुनि की सहमति से शिव जी को श्रेष्ठ माना जाता है। मगर ब्रम्ह देव को इसमें आपत्ति होती है। उनके विरोध करने से शिव जी भी क्राधित हो जाते हैं और गुस्से में वे काल भैरव का रूप धारण कर लेते हैं।
3.कहा जाता है कि कालाष्टमी के दिन शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति का मन अशांत हो सकता है। इससे उन्हें गुस्सा आ सकता है। 4.कालाष्टमी के दिन भूलकर भी नशा न करें। ऐसा करने से काल भैरव नाराज होते हैं। हालांकि कई जगह भैरव जी को प्रसन्न करने के लिए मदिरा चढ़ाई जाती है, लेकिन इसका सेवन करना अशुभ फल लेकर आता है। इससे नकारात्मकता बढ़ती है।
5.आज के दिन कभी बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में मुसीबतें आ सकती हैं। साथ ही उसे मेहनत का भी फल मुश्किल से ही मिल पाएगा।
अक्षय तृतीया विशेष : राशिनुसार करें इन चीजों की खरीदारी, मां लक्ष्मी की होगी कृपा 6.कालाष्टमी के दिन अन्न भी नहीं खाना चाहिए। क्योंकि ये गरिष्ठ भोजन होता है और इससे व्यक्ति में आलस आ सकता है। 7.जो लोग आज के दिन दूसरों का अपमान करते हैं उन्हें काल भैरव कभी क्षमा नहीं करते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं।
8.कालाष्टमी व्रत के दिन दूसरों से उधार नहीं लेना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति को हमेशा दूसरों का मोहताज रहना पड़ सकता है। 9.आज के दिन भूलकर भी काले कुत्ते को न मारें। क्योंकि इसे भैरव जी का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इसका अपमान करने से व्यक्ति के जीवन में मुसीबतें आ सकती हैं।
10.कालाष्टमी के दिन पार्वती जी की भी पूजा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि देवी शिव की पत्नी हैं। मगर उनके रौद्र रूप के प्रभाव के चलते उनमें भी मां काली का स्वरूप ज्यादा हावी होता है। उनकी पूजा करने से गृहस्थों के जीवन में तनाव आ सकता है।