1.जो लोग माता-पिता बनने के सुख से वंचित रहते हैं इसका सबसे बड़ा कारण बृहस्पति ग्रह का कमजोर होना होता है। इसलिए ग्रह के नकरात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए गुुरुवार के दिन गरीबों को गुड़ का दान करें।
2.इसके अलावा आप बृहस्पति देव की पूजा भी कर सकते हैं। गुरुवार को उनके पूजन के दौरान देवानां च ऋषिणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। ह्रीं गुरवे नमः। बृं बृहस्पतये नमः। मंत्र का 21, 51 व 108 बार जप करें। ऐसा करने से जल्द ही सूनी गोद भर जाएगी।
3.निसंतान दंपत्तियों को संतानी की प्राप्ति के लिए नंद लाला की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर दंपत्ति बाल गोपाल की मूर्ति व तस्वीर का ध्यान करके नियमित रूप से पूजा करें और उन्हें मीठी चीज का भोग लगाएं तो इससे मुरारी की आप पर कृपा होगी।
4.संतान प्राप्ति का वरदान पाने के लिए स्कंद माता की पूजा भी बहुत प्रभावशाली साबित होती है। देवी दुर्गा के नौ रूप में से एक स्कंदमाता के पूजन से निसंतान लोगों की मनोकामना जल्द ही पूरी हो जाती है।
5.इनका आशीष लेने के लिए नवरात्र के षष्ठी वाले दिन इनकी पूजा करें। देवी के साथ कार्तिक की भी आराधना करें। इससे देवी आपके मार्ग में आ रही बाधाओं को खत्म कर देंगी। 6.कई लोगों के माता-पिता न बन पाने का कारण उनकी शारीरिक कमी नहीं बल्कि उनकी कुंडली में पितृ दोष हो सकता है। क्योंकि जिन लोगों के पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति नहीं मिलती है वो आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं। इससे आपको शारीरिक एवं आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
7.कुंडली में मौजूद पितृृ दोष को दूर करने के लिए श्राद्ध पक्ष में गरीबों को भोजन दान दें। साथ ही पितरों को रोजाना जल एवं काले तिल चढ़ाएं। पितृ पक्ष के दौरान कराया गया पितरों का तर्पण सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। ऐसा करने से मृतकों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
8.पितृ दोष के अलावा लोगों की कुंडली में राहु का अधिक प्रभाव होना भी नुकसानदायक हो सकता है। इससे व्यक्ति संतान सुख से वंचित रह सकता है। इस दोष को दूर करने के लिए शनिवार के दिन किसी शनिमंदिर में सरसों का तेल और काला कपड़ा चढ़ाना अच्छा माना जाता है।
9.इसके अलावा राहु ग्रह को शांत करने के लिए आप ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप आप 51 व 108 बार करें। 10.कई बार केतु की विपरीत दृष्टि पड़ने से भी माता-पिता बनने का सुख छिन सकता है। इसलिए केतु के प्रभाव को कम करने के लिए ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी हो जाएगी।