निगम प्रशासन द्वारा गौठान का निर्माण शुरू करने के दौरान यहां रखे जाने वाले मवेशियों के लिए 5 एकड़ क्षेत्रफल पर नेपियर घास लगाने का भी दावा किया था। इसके लिए स्थल भी चिन्हांकित किया गया था, लेकिन अब तक नेपियर घास नहीं लगाया जा सका है। इस कारण गौठान में मवेशियों के लिए चारे की भी व्यवस्था नहीं हो पाई है।
गौठान वाली जगह पर पहले गोकुल नगर योजना के तहत शहर के भीतर चल रहे खटालों को शिफ्ट करने का प्लान तैयार किया गया था, लेकिन पानी की कमी की वजह से खटाल संचालक उक्त स्थल पर जाने को तैयार नहीं हुए। इस कारण उक्त स्थल पर कई सालों से वीराने की स्थिति है। अफसरों ने पानी की व्यवस्था किए बिना फिर गौठान बना दिया।
गोकुल नगर निर्माण के दौरान उक्त इलाके में शिवनाथ नदी से पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने की योजना बनाई गई थी। इसके लिएपाइप लाइन भी बिछाई गई है। तब किसी कारणवश पानी नहीं पहुंचाया जा सका था। गौठान निर्माण के दौरान इस पाइप लाइन के इस्तेमाल की बात कही गईथी, लेकिन अफसर अब तक पाइप लाइन नहीं जोड़ पाए।
इस संबंध में लोककर्म प्रभारी दिनेश देवांगन का कहना है कि गोठान में पानी पहुंचाने शिवनाथ के पाइल पाइन बिछाई गई है। शिवनाथ से पानी लिफ्ट करने में दिक्कत है। इसलिए इसे फिल्टर प्लांट से जोडऩे की योजना बनाई गई, लेकिन इसमें ज्यादा खर्च होने के कारण इसे फिलहाल टाल दिया गया है। पुलगांव में ओवर हेड टंकी बन रही है। इसके पूरा होने के बाद पाइप लाइन टंकी से जोड़कर पानी पहुंचाया जाएगा।
प्रभारी अधिकारी नगर निगम दुर्ग जितेंद्र समैया का कहना है कि गोठान में कुछ काम हुए है। शेष कार्य भी कराया जाना है। इसके लिए फंड नहीं है। फंड के लिए प्रपोजल भेजा गया है। फंड मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा।