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कछुए खाल और समुद्रीय पौधों की तस्करी के तार सिर्फ रायपुर, ओडिशा ही नहीं विदेश तक जुड़े है

locationदुर्गPublished: Sep 14, 2018 10:14:23 am

कछुआ खाल और हाथी दांत का चूर्ण समेत समुद्रीय पौधों की जब्ती के मामले में हनुमान लाला किराना व जड़ी बूटी दुकान के संचालक सिद्धार्थ गुप्ता (42 वर्ष)को जेल भेजा गया।

Durg crime

कछुए खाल और समुद्रीय पौधों की तस्करी के तार सिर्फ रायपुर, ओडिशा ही नेपाल तक जुड़े हैं

दुर्ग. कछुआ खाल और हाथी दांत का चूर्ण समेत समुद्रीय पौधों की जब्ती के मामले में हनुमान लाला किराना व जड़ी बूटी दुकान के संचालक सिद्धार्थ गुप्ता (42 वर्ष)को जेल भेजा गया। एक दिन पहले गांधी चौक स्थित इस दुकान से वन विभाग ने भारी तादाद में ये प्रतिबंधित सामग्री जब्त की थी। वन विभाग ने दुकान संचालक के खिलाफ वन्य प्राणी अधिानियम के तहत जुर्म दर्ज कर पूछताछ की। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया। धाराएं गैरजमानतीय होने के कारण न्यायालय ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया।
अधिक मुनाफा के लालच में कर रहा था कारोबार, रायपुर के एजेंट से खरीदता था
वन विभाग के अधिकारियों ने आरोपी दुकान संचालक से पूछताछ की। जिसमें उसने यह कारोबार लंबे समय से करना स्वीकर किया है। दुकान संचालक ने यह खुलासा किया है कि इन सामानों की सप्लाई एजेंट करता है। हर बार अलग-अलग एजेंट आते हैं। वह एजेंट के माध्यम से सामानों की खरीदी करता है। जड़ी बूटी की आड़ में वह अधिक मुनाफा के लालच में यह कारोबार कर रहा था। हर पंद्रह व महिने में एजेंट आर्डर लेकर जाते थे।
रायपुर से जुड़ा है तार

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस अवैध कारोबार के तार रायपुर से जुड़ा है। एजेंट रायपुर से आकर आर्डर लेते हैं और रुपए लेने के बाद सामान की सप्लाई करते हैं। जड़ी-बूटी के नाम पर पुलिस भी किसी तरह की जांच नहीं करती। जड़ी-बूटी की आड़ में इस गोरख धंधा के जरिए लाखों रुपए की कमाई की जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि रायपुर के एजेंट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। जल्द ही एजेंट को गिरफ्तार किया जाएगा। एजेंट के माध्यम से ही कई और खुलासे होने की उम्मीद है।
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दक्षिण भारत, ओडिसा व नेपाल से चोरी छिपे लाया जाता है सामान
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जड़ी-बूटी की आड़ में समुद्री पौधे और वन्य जीव छत्तीसगढ़ में अलग अलग राज्यों से लाया जाता है। एजेंट भी अलग अलग है। आरोपी से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि दक्षिण भारत, ओडिसा और नेपाल से सामान चोरी छिपे लाया जाता है।
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सरगना बाहर राज्य का
कुछ दिनो पहले रायपुर में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। इसके बाद से वन विभाग के अधिकारी यहां भी कार्रवाई करने के लिए जानकारी एकत्र कर रहे थे। जब पुख्ता जानकारी मिली तब विभाग के अधिकारियों ने हनुमाना लाला किराना व जड़ीबूटी दुकान में दबिश दी। अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में सरगना के नाम का खुलासा नहीं हुआ है पर इतना पता चला है कि वह दूसरे राज्य का है।
कौन इसे किसलिए खरीदता है यह खुलासा नहीं हुआ
कछुआ की खाल और हाथीदांत को चूर्ण किस काम आता है और दुकान से कौन लोग खरीद कर ले जाते हैं यह खुलासा आरोपी ने नहीं किया है। यह ऊंचे दाम पर बिकता है। जाहिर है इसकी मांग करने वाले भी बड़े लोग होंगे। अधिकारियों का कहना है कि इन सामानों को खरीदने वाले भी नियमित ग्राहक हो सकते हैं। जिसका खुलासा दुकानदार ने नहीं किया।
तीन साल सजा का है प्रावधान
इस मामले में वन विभाग ने अनाज व जड़ी बूटी व्यापारी सिद्धार्थ गुप्ता के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम की धारा ३९ व ४० के तहत प्रकरण तैयार दर्ज किया है। दोनों धाराएं गैरजमानती है। अपराध प्रणाणित होने पर इस धारा के तहत ३ साल कारावास और २५ हजार जुर्माना का प्रवधान है।
जांच रिपोर्ट साक्ष्य के काम आएगा
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जब्त सामान का सैंपल जांच के लिए वन्यप्राणी प्रयोगशाला देहरादून भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट लगभग एक माह बाद आएगा। जांच रिपोर्ट साक्ष्य का काम आएगा। जिसमें इस बात का खुलासा होगा कि जब्त सामान असली है कि नकली।
आधा दर्जन से ज्यादा है दुर्ग-भिलाई में जड़ी बूटी की दुकान
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दुर्ग-भिलाई में आधा दर्जन से अधिक जड़ी-बूटी की दुकानें हैं। विभाग ऐसे दुकानों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है। अवैध कारोबार करने का प्रमाण मिलने पर विभाग ऐसे दुकानों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।

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