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हैवानों ने मूकबधिर, पोलियोग्रस्त महिला को भी नहीं बख्शा, जिस्म की भूख मिटाकर स्टेशन में छोड़ दिया दर्द में तड़पते

locationदुर्गPublished: May 15, 2019 12:10:18 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

मूकबधिर महिला का अपहण कर नागपुर महाराष्ट्र ले जाकर दुष्कर्म करने के एक मामले में मंगलवार को विशेष न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी ने फैसला सुनाया।

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हैवानों ने मूकबधिर, पोलियोग्रस्त महिला को भी नहीं बख्शा, जिस्म की भूख मिटाकर स्टेशन में छोड़ दिया दर्द में तड़पते

दुर्ग. मूकबधिर महिला का अपहण कर नागपुर महाराष्ट्र ले जाकर दुष्कर्म करने के एक मामले में मंगलवार को विशेष न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी ने फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना राज्य नहीं समाज के प्रति अपराध है। ऐसी स्थिति में आरोपी छगन लाल साहू (47) के प्रति उदार प्रावधानों का लाभ दिया जाना उचित नहीं है। न्यायाधीश ने दोष साबित होने पर छगनलाल को 20 साल साधारण कारावास की सजा सुनाई। अपहरण के मामले में भी 5 साल की सजा सुनाई। उस पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया सहयोगी फरार है।
मूकबधिर महिला पोलियोग्रस्त भी है
इस मामले में 26 मई 2018 को मोहन नगर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। पीडि़त महिला न केवल मूकबधिर है बल्कि एक पैर से पोलियोग्रस्त है। 22 अप्रैल को विवाह सामारोह से आने के बाद वह घर के बाहर मंजन करते खड़ी थी।
राहत पहुंचाने सहायता देने कहा
दोपहर लगभग 1 बजे छगन लाल साहू अपने साथी दीपक महार के साथ बाइक से आया और उसका अपहरण लिया। उसे ट्रेन से नागपुर ले गया। पीडि़त महिला 2 मई को अकेली दुर्ग लौट रही थी। डोंगरगढ़ में परिजन ने उसे देखा। उसे साथ लेकर दुर्ग आए। न्यायाधीश ने पीडि़त महिला के पुनर्वास के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा है। जिसमें राहत पहुंचाने के लिए सहायता देने कहा है।
डोंगरगढ़ स्टेशन पर परिजन की नजर पड़ी
परिवार वालों ने महिला गुमशुदगी मोहन नगर थाना में दर्ज कराई थी। इसी बीच परिवार के सदस्य विवाह समारोह में डोगरगढ़ गए थे। जहां महिला स्टेशन में दिखाई दी। परिजन उसे लेकर दुर्ग लौटे। पूछताछ में घटना का खुलासा हुआ।
बयान दर्ज करने विशेषज्ञ का सहारा
मूकबधिर पीडि़त महिला अनपढ़ भी है। महिला का बयान दर्ज करने न्यायालय ने मूकबधिर स्कू ल सुपेला के दक्ष शिक्षिका को न्यायालय बुलाया था। न्यायाधीश के सामने पीडि़त महिला ने पूरा घटना क्रम को इशारे से बताया। अतिरिक्त लोक अभियोजक पुष्पारानी पाढ़ी ने बताया कि इस प्रकरण में सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया। मेडिकल रिपोर्ट को सजा के लिए आधार बनाया गया। इस प्रकरण में एक आरोपी दीपक महार फरार है। उसके खिलाफ न्यायालय ने बेमियादी वारंट जारी किया है।

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