इस मामले में 26 मई 2018 को मोहन नगर पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। पीडि़त महिला न केवल मूकबधिर है बल्कि एक पैर से पोलियोग्रस्त है। 22 अप्रैल को विवाह सामारोह से आने के बाद वह घर के बाहर मंजन करते खड़ी थी।
दोपहर लगभग 1 बजे छगन लाल साहू अपने साथी दीपक महार के साथ बाइक से आया और उसका अपहरण लिया। उसे ट्रेन से नागपुर ले गया। पीडि़त महिला 2 मई को अकेली दुर्ग लौट रही थी। डोंगरगढ़ में परिजन ने उसे देखा। उसे साथ लेकर दुर्ग आए। न्यायाधीश ने पीडि़त महिला के पुनर्वास के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा है। जिसमें राहत पहुंचाने के लिए सहायता देने कहा है।
परिवार वालों ने महिला गुमशुदगी मोहन नगर थाना में दर्ज कराई थी। इसी बीच परिवार के सदस्य विवाह समारोह में डोगरगढ़ गए थे। जहां महिला स्टेशन में दिखाई दी। परिजन उसे लेकर दुर्ग लौटे। पूछताछ में घटना का खुलासा हुआ।
मूकबधिर पीडि़त महिला अनपढ़ भी है। महिला का बयान दर्ज करने न्यायालय ने मूकबधिर स्कू ल सुपेला के दक्ष शिक्षिका को न्यायालय बुलाया था। न्यायाधीश के सामने पीडि़त महिला ने पूरा घटना क्रम को इशारे से बताया। अतिरिक्त लोक अभियोजक पुष्पारानी पाढ़ी ने बताया कि इस प्रकरण में सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया। मेडिकल रिपोर्ट को सजा के लिए आधार बनाया गया। इस प्रकरण में एक आरोपी दीपक महार फरार है। उसके खिलाफ न्यायालय ने बेमियादी वारंट जारी किया है।