जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविंद प्रसाद मिश्रा शनिवार को निर्धारित समय सुबह 10.30 बजे न्यायालय पहुंच गए थे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने व्यवस्था पूरी कर रखी थी। सत्र न्यायाधीश ने लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन भी किया। इसके बाद न्यायाधीश अपनी-अपनी खंडपीठ में बैठे। लेकिन कर्मचारियों और अधिवक्ताओं के न्यायालयीन कार्य में शामिल नहीं होने से कार्य प्रभावित हुआ। (Durg news)
प्राधिकरण ने प्रकरणों के निराकरण के लिए बीमा कंपनी, बैंक और विद्युत विभाग के लिए अलग-अलग पंडाल लगाए गए थे। पक्षकार पहुंचे उनके प्रकरण संबंधी फाइल अदालत की आलमारी से नहीं निकलने पर लौट गए। दोपहर 2 बजे कर्मचारियों और अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने बीमा, बैंक कर्मियों को भृत्य साथी का आईसीयू में इलाज चलने की जानकारी देकर सहयोग मांगा। 10 मिनट में पंडाल खाली हो गया।
जिला न्यायालय के कुटुम्ब खण्डपीठ में नेशनल लोक अदालत का काम चल रहा था। दोपहर 1 बजे तक 5 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसके बाद अधिवक्ता व कर्मचारियों ने सहयोग करने वालों से भृत्य की हालत बताकर सहयोग की अपील की। इसके बाद यहां किसी प्रकरण पर विचारण नहीं हुआ।
नेशनल लोक अदालत तहसील न्यायालय में आयोजित थी। पाटन और भिलाई-तीन तहसील न्यायालय में निर्धारित समय पर कर्मचारियों ने पहुंचकर नेशनल लोक अदालत का कार्य शुरू किया। दोनों ही तहसील न्यायालय में कुल 23 प्रकरणों पर समझौता कराया गया।
सदानंद यादव को शुक्रवार की देर रामकृष्ण केयर अस्पातल रायपुर में भर्ती कराया गया है। उसे आईसीयू में रखा गया है। अस्पताल प्रबंधन ने उसके उपचार के लिए 40 हजार जमा करने को कहा। इसकी सूचना पर कर्मचारियों ने सहायता राशि एकत्रित की। इममें अधिवक्ताओं ने भी सहयोग किया। अधिवक्ता संघ के सचिव ने 5000 राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की। इसके अलावा अधिवक्ता संघ ने इलाज में अधिक खर्च होने पर सहयोग करने का आश्वासन दिया।
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण नहीं होने पर हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति लगातार नेशनल लोक अदालत की जानकारी ले रहे थे। न्यायालयीन सूत्रों के मुताबिक रविवार दोपहर 12.30 बजे हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण बैठक रखी गई है। जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविंदप्रसाद मिश्रा के अनिवार्य रूप से उपस्थित होने की बात कही जा रही है। (Durg news)