scriptमास्टर प्लान की ऐसी जल्दबाजी, 50 सेंकड में कर दी 80 फीसदी आपत्ति खारिज | Hearing of Durg new master plan | Patrika News

मास्टर प्लान की ऐसी जल्दबाजी, 50 सेंकड में कर दी 80 फीसदी आपत्ति खारिज

locationदुर्गPublished: Sep 14, 2018 01:06:31 pm

मास्टर प्लान पर आपत्तियों की सुनवाई के पहले दिन 6 घंटे में 436 आपत्तियों का निराकरण किया गया। इस तरह एक आपत्तिकर्ता को करीब 50 सेकंड का समय मिल पाया। इस दौरान अधिकतर आपत्तिकर्ता ठीक से अपना पक्ष भी रख नहीं पाए।

Durg master plan

मास्टर प्लान की ऐसी जल्दबाजी, 50 सेंकड में कर दी 80 फीसदी आपत्ति खारिज

दुर्ग. मास्टर प्लान पर आपत्तियों की सुनवाई के पहले दिन 6 घंटे में 436 आपत्तियों का निराकरण किया गया। इस तरह एक आपत्तिकर्ता को करीब 50 सेकंड का समय मिल पाया। इस दौरान अधिकतर आपत्तिकर्ता ठीक से अपना पक्ष भी रख नहीं पाए। वहीं ज्यादा से ज्यादा आवेदनों के निराकरण के फेर में करीब 80 फीसदी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया। दावा आपत्ति पर सुनवाई सुबह 11 से शाम साढ़े 5 बजे के बीच किया गया। बीच में करीब आधे घंटे का लंच ब्रेक भी रखा गया। मास्टर प्लान पर 1207 आपत्तियां की गई है। पहले दिन इनमें से दुर्ग नगर निगम और जामुल पालिका परिषद के साथ 25 गांवों के 505 आपत्तियां सुनवाई के लिए रखी गई थीं। इनमें से 16 गांवों की 436 आपत्तियों की सुनवाई हो पाई। सुनवाई में अधिकतर मामले कृषि, ग्रीन लैंड और औद्योगिक प्रयोजन को आवासीय करने से संबंधित सामने आए। इनमें से अधिकतर को खारिज कर दिया गया।
कलक्टर बोले, दोस्ती-यारी नहीं चलेगी

अव्यवस्था और शोर-शराबे पर कलक्टर उमेश अग्रवाल की नाराजगी भी सामने आई। करीब 1 बजे नगपुरा,अहेरी व जेवरा की सुनवाई के दौरान कई बार लोग भीड़ लेकर कलक्टर की टेबल तक पहुंच गए और आपस में जोर-जोर बातें करते रहे। शांत रहने की अपील पर भी बात नहीं बनीं तो कलक्टर ने उन्हें बाहर जाने कहा। इस पर कुछ लोग टाउन प्लानिंग के अफसरों से सुनवाई का एप्रोच करने लगे। इस पर कलक्टर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यहां कोई भी दोस्ती यारी नहीं चलेगी। इसके अलावा कई इलाकों को औद्योगिक व ग्रीन लैंड घोषित किए जाने पर भी आपत्ति की गई थी।
बचे आवेदनों की सुनवाई 17 को
संयुक्त संचालक एसके बांगड़े ने बताया कि शेष 9 गांवों के 69 आपत्तियों की सुनवाई अब 17 सितंबर को सुबह 11 बजे से किया जाएगा। शेष दो दिन 14 व 15 सितंबर को पूर्वनिर्धारित सारणी के हिसाब से मामलों की सुनवाई की जाएगी। बचे हुए आपत्तिकर्ताओं को 17 सितंबर को उपस्थित होने कहा गया है।
87 सुझाव शासन को भेजने का फैसला
सुनवाई में मास्टर प्लान पर 87 सुझाव भी सामने आए। समिति ने इन सुझावों को
स्थानीय स्तर पर निराकरण के बजाए सीधे शासन को भेजने का निर्णय लिया। संयुक्त संचालक ने बताया कि इन सुझावों पर अब सीधे शासन स्तर पर फैसला किया जाएगा।
निराकरण से असंतुष्ट तो अब भी है मौका
जिनके आवेदन जिला स्तर पर सुनवाई में निरस्त हो गई है,उनके पास सुनवाई के लिए अब भी मौका है। ऐसे आवेदन सीधे डायरेक्टर अथवा सचिव के पास आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। मास्टर प्लान के प्रस्तावों पर अंतिम फैसला शासन स्तर पर ही लिया जाना है।
सुनवाई के तरीके पर दिखा आक्रोश

मास्टर प्लान पर सुनवाई के तरीके पर भी लोगों की नाराजगी दिखी। सुनवाई में पहले से लिखकर दी गई आपत्ति पर संबंधित विभाग के अफसरों को पक्ष रखना था। इसके बजाय आपत्तिकर्ताओं से दोबारा आपत्ति के बारे में पूछा जाने लगा। वहीं संबंधित विभाग का जवाब लिए बिना ही अधिकतर आवेदनों को खारिज कर दिया गया। इसके अलावा सुनवाई में जल्दबाजी व अव्यवस्थित क्रम को लेकर लोगों में नाराजगी दिखी। सुनवाई के लिए पहले से कोई क्रम तय किए बिना सभी को एक साथ बुला लिया गया था। इस कारण सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए थे। लोगों की भीड़ के कारण सभा कक्ष में अव्यवस्था की स्थिति रही। वहीं कई लोगों को सुनवाई के लिए 5 से 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
सांसद और तीन विधायकों को छोड़ कोई नहीं आया

मास्टर प्लान पर आपत्तियों की सुनवाई जिला स्तरीय समिति द्वारा की जा रही है। समिति में सांसद, विधायक, महापौर दुर्ग, भिलाई व भिलाई-चरोदा, अध्यक्ष नगर पालिक परिषद जामुल, कुम्हारी,नगर पंचायत उतई, जिला पंचायत, जनपद पंचायत दुर्ग, धमधा व पाटन, सरपंच, प्रतिनिधि इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स, इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्किटेक्ट, भिलाई इस्पात संयंत्र, उद्योग विभाग, एडीएम, एसपी शामिल हैं। इनमें से सांसद ताम्रध्वज साहू, विधायक अरुण वोरा, विद्यारतन भसीन और सांवलाराम डाहरे को छोड़कर कोई भी नहीं पहुंचा। कलक्टर और टाउन प्लानिंग को छोड़कर शेष सरकारी विभाग के अफसर भी नहीं पहुंचे। अधिकतर गांवों के सरपंच भी नहीं आए। सांसद व विधायक भी लंच के बाद सुनवाई में नहीं लौटे।
आज यहां की सुनवाई
सांकरा समोदा, रसमड़ा, पतोरा, पुलगांव, पुरैना, पुरई, पोटियाकला, पाहंदा, पथर्रा,भोथली,भाठागांव, हनोदा, तितुरडीह, चिखली, सिलोदा, सिरसाकला, सिरसाखुर्द,सिकोला, थनौदा, रिसाली, रिंगनी, भिलाई-3, भिलाई, हिंगना, बिरेभाठ, मुढ़पार, मुरमुंदा, मालूद, मोतीपुर, मोहलाई, मोहंदी,मोरिद, महमरा, महकाखुर्द, कुटेलाभाठा, कुम्हारी, कुरूद, कचांदुर, कसारीडीह।
25 फीसदी नहीं आए
25 फीसदी आपत्तिकर्ता सुनवाई के लिए नहीं पहुंचे। इसके अलावा कई लोग संबंधित इलाके की सुनवाई का समय समाप्त हो जाने के बाद पहुंचे, उन्हें भी सुनवाई से वंचित रहना पड़ा। जगह की कमी के कारण कई आवेदक सभा कक्ष के बाहर बारी का इंतजार करते बैठे थे। इनमें से भी कई लोग साउंड सिस्टम की आवाज ठीक से सुन नहीं पाने के कारण समय पर नहीं पहुंच पाए।
इस तरह की थी दावा-आपित्तयां

केस-1
उतई नगर पंचायत उपाध्यक्ष कुलदीप सैनी, संजू यादव, मुकेश यादव गांव के बीच से सड़क निर्माण के प्रस्ताव पर आपत्ति लेकर पहुंचे थे। सड़क से करीब 100 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। आपत्ति खारिज कर दिया।
केस-2
उमरपोटी में अवैध प्लाटिंग के शिकार दिनेश कुमार व एसएन साहू सहित करीब एक दर्जन लोग कृषि भूमि (प्लाटिंग एरिया) को आवासीय घोषित करने की मांग लेकर आए थे। कलक्टर ने बताया कि प्लाटिंग अवैध है।
केस-3

आरटीआई एक्टिविस्ट मेहरबान सिंह ने जुनवानी के ग्रीन लैंड को वाणिज्यिक किए जाने पर आपत्ति की। ग्रीन लैंड पर पहले से ही हॉस्टल बना लिया है। लैंड यूज वाणिज्यिक किए जाने से अवैध निर्माण वैध हो जाएगा। मामला कोर्ट में लंबित है। कलक्टर ने प्रकरण होल्ड करने की बात कही।
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