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जेल में बंद गैंगस्टर तपन के साथी गल्ला व्यापारी ज्ञानचंद की जमानत याचिका खारिज

locationदुर्गPublished: Jul 17, 2018 11:06:26 pm

गैंगस्टर तपन सरकार के साथ मिलकर अवैध उगाही के आरोप में जेल में बंद व्यापारी ज्ञानचंद जैन और उनके दोनों बेटों की जमानत याचिक खारिज हो गई है।

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जेल में बंद गैंगस्टर तपन के साथी गल्ला व्यापारी ज्ञानचंद की जमानत याचिका खारिज

दुर्ग. गैंगस्टर तपन सरकार के साथ मिलकर अवैध उगाही के आरोप में जेल में बंद गल्ला व्यापारी ज्ञानचंद जैन और उनके दोनों बेटों की जमानत याचिक खारिज हो गई है। गल्ला व्यापारी ने मामले के प्रार्थी नीरज अग्रवाल द्वारा ब्याज के चक्कर में झूठा फंसाए जाने का हवाला देते हुए न्यायालय में याचिका लगाई थी। याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू ने जांच प्रारंभिक स्तर पर होने का हवाला देकर जमानत याचिका नामंजूर कर दी।
गैंगस्टर तपन से मिलकर उगाही करने और धमकी का आरोप
गौरतलब है कि भिलाई के मॉडल टाउन स्थित वंदेमातरम अपार्टमेंट निवासी नीरज अग्रवाल ने मोहन नगर पुलिस में खंडेलवाल कालोनी निवासी ज्ञानचंद जैन व उनके बेटे सोहन व अंकुश द्वारा जेल में निरूद्ध गैंगस्टर तपन सरकार से मिलकर उगाही करने और धमकी देने के आरोप लगाए थे। इस पर मोहन नगर पुलिस ने गैंगस्टर तपन सरकार के साथ आरोपी सोहन जैन व उनके दोनों बेटों के खिलाफ धारा ३८४, ५०७, ५०६ व ३४ के तहत अपराध दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी ज्ञानचंद और उसके बेटे अंकुश को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया था। ज्ञानचंद का दूसरा बेटा सोहन अब भी फरार है।
यह था मामला
नीरज अग्रावल ने आरोपी ज्ञानचंद जैन व उनके बेटों पर आरोप लगाया था कि तीनों रुपए के लिए गैंगस्टर तपन सरकार से फोन पर धमकी दिलवा रहे थे। रुपए नहीं देने पर गैंगस्टर की ओर से बेटे का अपहरण कर लेने की धमकी दी जा रही है। नीरज ने बताया था कि फ्लोर मिल लगाने के लिए उनसे बैंक से ९० लाख और आरोपी ज्ञानचंद से ८५ लाख उधार लिए थे। आरोपी उक्त राशि की ब्याज सहित वापसी के लिए दबाव बना रहे थे।
जमानत के लिए यह तर्क
आरोपी ज्ञानचंद जैन की याचिका पर मंगलवार को न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू की अदालत में सुनवाई है। इसमें जमानत के लिए आरोपी ने शिकायतकर्ता द्वारा ब्याज के लालच में झूठा फंसाए जाने का तर्कदिया गया। आरोपी का कहना था कि शिकायतकर्ता से उन्होंने 38 लाख लिए थे। जिसे लौटा दिया है, लेकिन शिकायतकर्ता इसका अतिरिक्त ब्याज की डिमांड कर रहा था।
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