scriptनाबालिग का अपहरण कर गैंगरेप, दूसरे दिन दोस्तों को सौंप दिया, 12 आरोपियों में दो नाबालिग | Gangrape making a minor hostage, handed over to friends on second day | Patrika News

नाबालिग का अपहरण कर गैंगरेप, दूसरे दिन दोस्तों को सौंप दिया, 12 आरोपियों में दो नाबालिग

locationदुर्गPublished: Oct 11, 2018 10:54:27 pm

भिलाई नगर थाना क्षेत्र से 2014 में 14 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण कर दो दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी ने गुरुवार को फैसला सुनाया।

दुर्ग. भिलाई नगर थाना क्षेत्र से 2014 में 14 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण कर दो दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी ने गुरुवार को फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने 10 युवकों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस प्रकरण में दो नाबालिग का प्रकरण किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
भिलाईनगर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी
अतिरिक्त लोक अभियोजक महेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि पीडि़त नाबालिग २७ अक्टूबर २०१४ को अचानक गायब हो गई थी। पीडि़त नाबालिग की मां आसपास के क्षेत्र में तलाश करने के बाद नहीं मिलने पर भिलाईनगर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। प्रकरण दर्ज कराने के बाद २९ अक्टूबर सुबह ६.३० बजे जानकारी मिली कि नाबालिग डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गार्डन के निकट अकेले बैठी हुई है। कृष्णा नायक की सूचना पर पीडि़ता की मां ने बेटी को पहले घर ले गई और इसके बाद उसे लेकर थाना पहुंची। पूछताछ में गैंगरेप की बात सामने आई। इसके बाद पुलिस ने पीडि़ता का कलमबंद बयान दर्ज कर एफआईआर के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया।
जाने घटना को
27 अक्टूबर 2014
एस बाबू उर्फ थामस ने नाबालिग को भिलाई क्षेत्र से बाइक में अपहरण कर दुर्ग लाया। इसके बाद दुर्योधन नागरे की स्वीफ्ट कार में बैठाकर नाबालिग को घुमाते रहे। इस दौरान साथ में सोनू सुलाखे, ज्ञानी राम सुलाखे, कष्णा नागवंशी थे। सभी ने पहले बीयर खरीदकर पीया और नाबालिग को भी पिलाया। इसके बाद नाबालिग को ग्रीन चौक स्थिति खाली मकान में ले जाकर बारी बारी से दुष्कर्म किया।
28 अक्टूबर 2014
इस घटना के बाद नाबालिग को सोना उर्फ विनोद कुमार ने अपने पास रख लिया और उसे अटल आवास स्थित एक खाली मकान में पूरे दिन बंद कर रखा। बाद में मुकेश यादव, योगेश व मनोज कुमार व दुर्योधन ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस घटना के बाद अल सुबह नाबालिग को छोड़ दिया। नाबालिग जैसे तैसे राजेन्द्र पार्क चौक पहुंची थी।
13 गवाहों का हुआ बयान
इस बहुचर्चित मामले में पुलिस ने १३ लोगों को गवाह बनाया था। गवाहों में नाबालिग का मेडिकल करने वाली डॉक्टर भी शामिल थी। गवाहों ने पुलिस की कहानी का समर्थन किया। साथ ही पीडि़ता भी अपने बयान में तटस्थ रही। जिसके आधार पर न्यायाधीश ने फैसला सुनाया।
जाने किस आरोपी को कितनी सजा मिली
1.दुष्कर्म और बंधक बनाने की धारा के तहत आजीवन कारावास और ५०० जुर्माना: सेक्टर ६ निवासी एस बाबू उर्फ थामस (२८ वर्ष), गैंदी डबरी दुर्ग निवासी सोनू सुलाखे (२२), शंकर नगर निवासी दुर्योधन नागरे (२२), गैंदी डबरी निवासी ज्ञानीराम सुलाखे (२२), ग्रीन चौक निवासी सोना उर्फ विनोद कुमार, मुकेश यादव (१९), योगेश तिवारी उर्फ छोटू(२३), मोनू उर्फ सुरेन्द्र सुलाखे (१९) शक्ति नगर निवासी मनोज कुमार (२८) व ग्रीन चौक निवासी कृष्णा नागवंशी(१९वर्ष)।
2 अपहरण की दो अलग अलग धारा के तहत क्रमश:४ साल और ५ वर्ष सश्रम कारावास। साथ ही प्रत्येक को १-१ हजार हर्जाना: सेक्टर ६ निवासी एस बाबू उर्फ थामस, सोनू सुलाखे, दुर्योधन नागरे, ज्ञानीराम सुलाखे, कृष्णा नागवंशी।

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