विधायक की मौजूदगी में बुधवार को स्कूली बच्चों और परिजन ने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन एक घंटे तक चला। स्कूल भवन के मरम्मत के लिए एक माह पहले ही विधायक ने निगम के अधिकारी व प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की थी। इसके बाद भी अधिकारियों ने किसी तरह का कार्रवाई नहीं की।
नागरिकों और क्षेत्रीय पार्षद की शिकायत पर शहर विधायक और कांग्रेसी नेता स्कूल पहुंचे। तब वहां स्कूली बच्चे और परिजन मौजूद थे। विधायक और नागरिकों ने प्रदर्शन करते हुए जर्जर भवन में तालाबंद कर निगम प्रशासन को १५ दिन के अंदर मरम्मत शुरू करने का अल्टीमेटम दिया। प्रदर्शन तहसीलदार व निगम के अधिकारियों के आश्वासन के बाद खत्म किया गया।
स्कूल भवन का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ने 1985 में किया था। स्कूल भवन की जर्जर स्थिति की सूचना मिलते ही राज्य सभा सांसद मोतीलाल वोरा ने 33 वर्ष बाद अपनी निधि से राशि स्वीकृत की है।
विधायक अरुण वोरा ने कहा है कि निगम के खाते में लगभग 3 करोड़ की शिक्षा उपकर की राशि जमा है। इसका उपयोग स्कूलों एवं छात्रों के हितों में किया जाना है। सिके बाद भी निगम किसी भी प्रकार का कार्य नहीं कर रही है। निगम केवल दिखावा करने में लगी है।