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दुर्ग

चार बार बुलाने के बाद भी कोर्ट नहीं आए दुर्ग तहसीलदार, जज ने थमाया अवमानना नोटिस

आदेश के बाद भी आवश्यक जानकारी के साथ हाजिर नहीं होने पर न्यायालय ने दुर्ग तहसीलदार के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया गया है।

दुर्गJan 19, 2019 / 03:02 pm

Dakshi Sahu

patrika

चार बार बुलाने के बाद भी कोर्ट नहीं आए दुर्ग तहसीलदार, जज ने थमाया अवमानना नोटिस

दुर्ग. आदेश के बाद भी आवश्यक जानकारी के साथ हाजिर नहीं होने पर न्यायालय ने दुर्ग तहसीलदार के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया गया है। पंचम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-१ देवेन्द्र साहू ने अवमानना का नोटिस जारी कर नोटिस मिलने के दो दिन के भीतर सुबह 11 बजे अनिवार्य रुप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
चार बार किया तलब
इसके पहले न्यायालय ने विचाराधीन सिविल प्रकरण की सुनवाई में जानकारी के साथ उपस्थित होने के लिए तहसीलदार को चार बार तलब किया था। न्यायालय के प्रत्येक नोटिस को तहसीलदार ने नजरअंदाज किया। इसे न्यायालय ने गंभीरता से लिया। न्यायालय ने तहसीलदार को जानकारी के साथ उपस्थित होने के लिए ३० नवंबर २०१८, १४ दिसंबर २०१८ और १० जनवरी २०१९ को नोटिस जारी किया था।
तीनों नोटिस मिलने के बाद भी जब तहसीलदार उपस्थित नहीं हुए। न्यायालय ने स्मरण पत्र जारी किया। इसके बाद भी तहसीलदार उपस्थित नहीं हुए। अनुपस्थित रहने का कारण सहित सूचना भी नहीं दी। न्यायाधीश ने इसे गंभीरता से लेते हुए नोटिस में कहा है कि क्यो न अब अवमानना की कार्यवाही की जाए।
मामला जमीन के विवाद का है
नीता जसवानी ने न्यायालय में एक परिवाद प्रस्तुत किया है। परिवाद के मुताबिक नीता जसवानी की कुरुद में २४०० वर्गफीट आवासीय जमीन है। जिसमें मकान बनाने पत्थर का नींव डाला गया है। इसी जमीन पर मेसर्स उत्कल हाइड्रो कार्बन व राकेश पौटवाल ने अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया। परिवादी महिला का कहना है कि उसने जमीन को प्रियदर्शनीय गृह निर्माण समिति से खरीदा है। यह समिति भंग हो चुकी है।
मांगी है विस्तृत जानकारी
जमीन का दस्तावेज उसके पास है। इस प्रकरण की सुनवाई में न्यायालय ने तहसीलदार से सीता जायसवाल की भूमि खसरा नंबर १५५०-३०, नीता जसवानी की भूमि खसरा नंबर १५५०-४८ और सावित्री देवी की जमीन खसरा नंबर १५५०-२५ के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है।
हाईकोर्ट ने 5 वर्ष से अधिक लंबित प्रकरणों का निराकरण करने गाइड लाइन जारी किया है। गाइड लाइन का पालन करते न्यायाधीश लंबित प्रकरणों की शीघ्र सुनवाई कर रहे हैं। यह प्रकरण २००८ से लंबित है। इस प्रकरण की सुनवाई तहसीलदार के उपस्थित न होने के कारण टलती जा रही है।
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