दहेज प्रताडऩा की धारा के तहत मां-बेटे को 2 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। बलबीर सिंह को पत्नी और दो मासूम बेटे को आत्महत्या करने के लिए उकसाने के लिए 5 वर्ष और दहेज मांगने की धारा के तहत 2 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी गई है। जेठानी मंजीत कौर को भी सह आरोपी बनाया था। न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में उसे दोषमुक्त कर दिया।
प्रकरण के मुताबिक मनदीप कौर ने 2 अक्टूबर 2010 को दुर्ग-अंजोरा मार्ग पर बने शिवनाथ नदी सेतू से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सुनवाई के दौरान टाटीबंध रायपुर में रहने वाली अमृतपाल कौर ने बताया कि उनकी बेटी मनदीप कौर का विवाह वर्ष 2000 में बलबीर सिंह के साथ हुआ था। विवाह के छह माह बाद से दहेज की मांग होने लगी। आत्महत्या से एक दिन पहले ही उनसे बेटी ने फोन पर बातचीत के दौरान दहेज के लिए सताने की बात कहते हुए रो पड़ी थी।
पुलिस ने न्यायालय को बताया था कि परिवार वालों ने मनदीप के गुम होने पर खोजबीन नहीं की। थाने पहुंचकर केवल गुमशुदगी की सूचना दी। जबकि मनदीप की मां तलाशते हुए गुरुद्वारा पहुंची। तब खुलासा हुआ, नदी में शव मिलने की सूचना आरोपी परिवार को पहले से थी। अतिरिक्त लोक अभियोजक महेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि न्यायालय ने मृतका की मां के बयान और दहेज के मांग पर बैंक के माध्यम से दी गई राशि के दस्तावेज को सजा के लिए आधार बनाया।