script

जिस सिलेंडर से लीकेज हुआ था खतरनाक क्लोरीन गैस, उसे बिना सेफ्टी खुले में फेंका

locationदुर्गPublished: Jan 20, 2019 12:09:42 am

Submitted by:

Bhuwan Sahu

जहरीली क्लोरीन गैस के सिलेंडर खुले में रखे न गार्ड की व्यवस्था और न कोई रोकने वाला

patrika

खुले में सिलेंडर, न गार्ड न कोई व्यवस्था

दुर्ग . नगर निगम के फिल्टर प्लांट की सुरक्षा को लेकर भी बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। एक तो प्लांट के भीतर जरूरत से कही ज्यादा जहरीली क्लोरीन गैस के सिलेंडर खुले में डंप कर रखा दिया गया था, वहीं खतरे के बाद न तो सुरक्षा के संसाधन रखे गए थे और न ही गार्ड की व्यवस्था थी। हालात यह था प्लांट के दोनों गेट से लोगों की बेरोकटोक आवाजाही हो रही थी।
नगर निगम के 24 एमएलडी फिल्टर प्लांट में गैस हादसे के बाद परत-दर-परत खामियों का खुलासा हो रहा है। नियमानुसार कुशल कर्मचारियों और बेहतर निर्माण के बजाए अप्रशिक्षित स्टाफ और जुगाड़ की व्यवस्था लगाकर क्लोरीन से पानी के ट्रीटमेंट किया जा रहा है। यहां तक कि जरूरी उपकरणों के बिना प्लांट संचालन हो रहा है। अब प्लांट की सुरक्षा में भी लापरवाही की बात सामने आ गई है।
क्लोरीनेशन यूनिट भी सड़क के किनारे

क्लोरीनेशन के लिए सिलेंडर को जोडऩे व निकालने के दौरान गैस रिसने का खतरा रहता है। ऐसे में यह यूनिट सुरक्षित जगह पर होना चाहिए। इसकी जगह 42 एमएलडी के फिल्टर प्लांट में यह यूनिट सड़क के किनारे चारदीवारी से लगाकर बना दिया गया है। गैस रिसने से सड़क पर आने-जाने वाले लोगों को खतरा हो सकता है।
चारदीवारी की ऊंचाई भी कम

फिल्टर प्लांट के चारदीवारी की ऊंचाई भी बमुश्किल 4 से 5 फीट है। यह स्थिति नएव पुराने दोनों फिल्टर प्लांट की है। इन दोनों को कोई भी आसानी से फांदकर प्रवेश कर सकता है। पुराने प्लांट के गेट टैंकर व परिसर में स्थिति नगरीय प्रशासन से उप संचालक कार्यालय के कारण पूरे दिन खुला रहता है।
प्लांट की सुरक्षा इसलिए जरूरी

प्लांट के भीतर खतरनाक क्लोरीन गैस के सिलेंडर रखे गए थे। प्लांट में एक समय में अधिकतम 4 से 6 सिलेंडर रखे जाने चाहिए। इसकी जगह दो दर्जन से ज्यादा सिलेंडर रखे गए थे, वह भी खुले में। बाहरी लोगों द्वारा सिलेंडर से छेड़छाड़ का खतरा बना रहता था।
24 एमएलडी फिल्टर प्लांट से शहर की आधी आबादी को पानी सप्लाई किया जाता है। बेरोकटोक प्रवेश से शरारती तत्वों द्वारा पानी में अवांछित वस्तु डाल दिए जाने जैसी घटनाओं का खतरा था, जिसे लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था।
महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने कहा कि घटना को सबक के रूप में लिया जा रहा है। एक्सपट्र्स व जानकारों द्वारा व्यवस्था में सुधार के लिए जो भी सुझाव दिया जा रहा है, उस पर तत्काल अमल किया जा रहा है। प्लांट के गेट पर गार्ड की तैनाती शुरू कर दी गई है। शेष सभी जरूरी व्यवस्थाएं भी जल्द की जाएंगी।

ट्रेंडिंग वीडियो