जिला दंडाधिकारी व एसपी की ओर से भी प्रकरण को जनहित में वापस लेने की अनुशंसा नहीं की गई है। आमतौर पर जनहित में ऐसे प्रकरणों को वापस लिया जाता है जिसमें जनहित को लेकर धरना प्रदर्शन, चक्काजाम किया गया हो या किसी मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया हो। जिन प्रकरणों को वापस जनहित में बताकर वापस लिया गया है कि उसमें नेवई थाना का एक बहुचर्चित प्रकरण भी है। जिसमें नेवई थाना के प्रभारी टीआई मनीष शेंडे के थाना अंदर पिटाई की गई थी।
अपराध- २४७-१५, नेवई, धारा-३५३,१८६,३३२,३३३,२९४,५०६,बी,१४७,१४९,११४
५ अक्टूबर २०१५ को भुनेश्वर लाल खांडे व राजेश कुमार साहू के साथ आरोपी अखिलेश यादव द्वारा मारपीट की गई थी। इस घटना में एफआइआर दर्ज कराया गया। इसी बीच आरोपियों को पता चला कि उनके खिलाफ भी पुलिस ने एफआइआार दर्ज किया है तो वे नेवई थाना पहुंच गए और हंगामा करने लगे। तत्कालीन नेवई थाना प्रभारी मनीष शेंडे ने हंगामा करने से मना किया तो आरोपियों ने थाना में उत्पात मचाया और प्रभारी से मारपीट की। इस घटना में प्रभारी टीआई को चोटें आई थी। बाद में पीडि़त टीआई की शिकायत पर दर्जनभर लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया।
अपराध-१२८-१२,उतई-धारा ४२०,४६७,४६८,४७१ व १२० बी
आरोपी मोहनलाल साहू, घनश्याम यादव, दीनदयाल यादव, पुरानिक यादव व परसराम यादव ने डुंडेरा निवासी सेवाराम यादव की सौतेली मां तुलसा के नाम की जमीन को हड़पने की नीयत से उमेंद्र यादव को संतान बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप था। यहां मुरूम उत्खन्न के लिए खनिज विभाग ने प्रतिवेदन मांगा तो आरोपी पटवारी पतिराम बरेठ ने तुलसीबाई की जमीन को लुमेश्वर चंद्राकर से मिलकर फर्जी स्थल पंचनामा बनाया। फिर डुंडेरा पार्षद सरिता चंद्राकर से एनओसी जारी कराई। अभियोग पत्र पेश हो चुका।
अपराध- ९०-१३, कुम्हारी-धारा २९४,५०६,४२७,१३९,१४१
२६ मई २०१३ को रात १० बजे सब स्टेशन कुम्हारी में पदस्थ जूनियर इंजीनियर भूपेश कुमार वर्मा ने एफआइआर कराया था कि आंधी तूफान के कारण विद्युत सप्लाई बंद हो गई थी। कर्मचारी सुधार कर रहे थे। इसी बीच वहां पुरेश्वर दुबे आया और एक तरफ की लाइट बंद करने की बात कहते हुए पूरे कुम्हारी की लाइट बंद करने की धमकी दी। विरोध करने पर कर्मचारियों से मारपीट करते हुए पुरेश्वर ने सब स्टेशन में रखे कुर्सीटेबल को पटककर तोडफ़ोड़ की। आपरेटर के साथ झूमाझटकी करते हुए उसे बाहर निकाला और पेनल का मेंन स्वीच ऑफ कर दिया।
अपराध-८१-०६, पुरानी भिलाई,धारा २९४,५०६ बी, १८६,३३२,४२७
२३ फरवरी २००६ को दोपहर २ बजे सब स्टेशन भिलाई-तीन में एम वेंकट ड्यूटी कर रहा था। मनीष बंछोर व नरेन्द्र यादव कार्यालय आए और लाइन बंद रखते हो बोलते हुए अश्लील गालियां दी। एम वेंकेट ने जब इसका विरोध किया तो दोनों ने जान से मारने की धमकी देते हुए टार्च से मारपीट की। हाथ मुक्का भी चलाया। कार्यालय में रखे टेलीफोन व अन्य सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया।
सचिव जिला अधिवक्ता संघ रविशंकर ङ्क्षसह ने बताया कि शासन को केवल ऐसे प्रकरण को वापस लेना चाहिए जो जनहित से जुड़ा है। राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता आमतौर पर प्रदर्शन और चक्काजाम करने के आरोपी बनते है। ऐसे प्रकरणों को वापस लेने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता।