इधर, जिला प्रशासन द्वारा स्ट्रॉग रूम की निगरानी की व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। इसके तहत तीन राजपत्रित अधिकारियों की अलग से ड्यूटी लगाई गई है। ये अधिकारी 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट ड्यूटी कर रहे हैं। इसके अलावा सभी रिटर्निंग अफसर दिन में कम से कम एक बार आकस्मिक निरीक्षण भी कर रहे हैं। रिटर्निंग अफसरों को वेब के माध्यम से मोबाइल पर निगरानी की सुविधा भी दी गई है।
अफसरों ने बताया कि डिस्प्ले बंद होने के दौरान सुरक्षा जवानों के अलावा राजनीतिक दल और प्रत्याशियों के अधिकृत प्रतिनिधि भी कंट्रोल रूम में मौजूद थे। उनकी मौजूदगी में ही तकनीकी एक्सपर्ट को बुलाकर सुधार कराया गया। घटना सोमवार की सुबह करीब 6.40 बजे की है। शंकराचार्य कॉलेज के इंजीनियरिंग सेक्शन के बिल्डिंग में जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग स्ट्रांग रूम बनाया गया है।
इन स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए 11 सीसीटीवी कैमरे लगाकर करीब 100 मीटर दूर वेटिंग रूम में डिस्प्ले लगाया गया है। यहां अहिवारा के स्ट्रांग रूम का डिस्प्ले अचानक बंद हो गया। यहां सुरक्षा में लगे गार्ड की इस पर नजर गई। उसने तत्काल इसकी सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद भागदौड़ शुरू हुई। सीसीटीवी का डिस्प्ले सुधारने में करीब पौने 2 घंटे लग गए और करीब 8.20 बजे डिस्प्ले दोबारा शुरू किया गया ।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी बीबी पंचभाई ने बताया कि सीसीटीवी पर फुटेज नहीं दिखने की शिकायत मिली थी। इस पर तत्काल एक्सपर्ट को भेजकर जांच कराई गई। तकनीकी त्रुटि के कारण यह स्थिति बनी थी। इसे ठीक कर लिया गया है।अब कहीं दिक्कत नहीं है। प्रवक्ता जिला भाजपा दुर्ग सतीश समर्थ ने बताया कि प्रशासन द्वारा इवीएम की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किया गया है। इस पर भरोसा करना चाहिए। तकनीकी दिक्कत कहीं भी हो सकती है, इसमें गड़बड़ी ढूंढना ठीक नहीं है। गड़बड़ी का हवाला देकर अनावश्यक माहौल बनाने का प्रयास करना उचित नहीं है।
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तुलसी साहू ने बताया कि अफसर एडॉप्टर में खराबी व लूज कनेक्शन जैसी गले नहीं उतरने वाले कारण बता रहे हैं। यदि ऐसा है तो स्ट्रांग रूम की निगरानी जैसी गंभीर व्यवस्था में बड़ी चूक है। ऐसी लापरवाही पर ठोस कार्रवाई किया जाना चाहिए। प्रदेश भर से जिस तरह की सूचनाएं आ रही है, उससे गड़बड़ी की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।