कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्रों ने जिस कॉलेज से डिग्री ली है, उसकी मान्यता समाप्त हो चुकी है। इस पर छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि एमसीआई ने कॉलेज की मान्यता इस वर्ष रद्द की है, जबकि वे पिछले वर्ष ही उत्तीर्ण हो चुके हैं। लिहाजा उपाधि जारी की जाए।
मामले की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने शासन व एमासीआई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को एमसीआई की ओर से नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने की जानकारी दी गई। इस पर कोर्ट ने एमसीआई को जवाब के लिए एक सप्ताह का समय देते हुए मामले की आगामी सुनवाई दिवाली वेकेशन के बाद नियत की है।
हाईकोर्ट के एमसीआई से जबाव तलब करने पर मेडिकल छात्रों की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि अभी हाईकोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया है। फैसला छात्रों के पक्ष में आता है तो इसका लाभ चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के एबीबीएस पास आउट हो चुके सभी 100 छात्रों के मिलेगा। सभी को मेडिकल की उपाधि मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। सभी छात्र इस मेडिकल कॉलेज के प्रथम बैच के हैं।