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देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना का काला सच,भगवान भरोसे आयुष्मान भव

locationदुर्गPublished: Sep 18, 2018 11:53:35 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना जिले में निजी अस्पतालों के भरोसे शुरू हो गई है

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देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना का काला सच,भगवान भरोसे आयुष्मान भव

दुर्ग. देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना जिले में निजी अस्पतालों के भरोसे शुरू हो गई है, क्योंकि संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सक और सर्जन का टोंटा है। पांच सौ बिस्तर के जिला अस्पताल के कई विभाग में चिकित्सकों के पद वर्षों से रिक्त है। हालत यह है कि ऑपरेशन करवाने के लिए एकमात्र सर्जन से समय लेना पड़ता है। इस योजना के तहत इलाज करवाने के लिए निजी अस्पताल जाने के अलावा मरीजों के पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
चार दशक पुराना अस्पताल
दुर्ग का जिला अस्पताल चार दशक पुराना है। संसाधन के नाम पर अब केवल इंफ्रास्ट्रक्चर और मशीने ही हैंं। विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है। स्वीकृत पदों में से आधे से ज्यादा पद पर डॉक्टर ही नहीं है। गिनती के डॉक्टरों के भरोसे ५०० बिस्तरों वाला जिला अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। अब स्थिति यह हो गई है कि प्रसव के लिए पहुंची कोई महिला अगर हाई रिस्क के अंतर्गत है तो उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। केवल सामान्य बीमारी के तहत अस्पताल पहुंचे मरीजों का इलाज व ऑपरेशन किया जा रहा है।
न किसी को योजना के तहत कोई कार्ड मिला है न परिचय पत्र
योजना जिले में रविवार से शुरू हो गया है। इसमें खास बात यह है कि किसी भी हितग्राहियों को न कोई कार्ड दिया गया है और न ही किसी प्रकार का परिचय पत्र दिया गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस अस्पताल को इलाज के लिए अधिकृत किया गया है, वहां साफ्वेयर स्टाल किया गया है। आधार कार्ड का नंबर टाइप कर उस नाम के आगे ब्लॉग कर योजना का लाभ लिया जा सकता है।
अधिकारी बोल रहे हैं फोटो पहचान पत्र से चल जाएगा काम
योजना से लाभान्वित पात्र हितग्राही बीमार होने पर पूर्व में जारी स्मार्ट कार्ड आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड एवं राशन कार्ड के माध्यम से पंजीकृत चिकित्सालय में इलाज करा सकते हंै। पात्र हितग्राही के पास उपरोक्त कार्ड न होने की स्थिति में अगर उनका नाम योजना के पात्र सूची में दर्ज है इस स्थिति में शासन के द्वारा जारी कार्ड की फोटो पहचान पत्र के आधार पर इलाज के लिए इस योजना का लाभ ले सकते है।
पांच लाख रुपए तक नि:शुल्क इलाज
इस योजना के लिए सामाजिक आर्थिक जनगणना के आधार पर पात्र हितग्राहियों को शामिल किया जाएगा। जिनके पास राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्ड है उन्हें 5 लाख रुपए तक के नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पंजीकृत हितग्राही को पूर्व की भांति 50 हजार तक का स्वास्थ्य लाभ मिलता रहेगा। पंजीकृत चिकित्सालय में इलाज प्राप्त कर सकेंगे।
इलाज में परेशानी तो कॉल करें 104 पर
शासकीय चिकित्सालयों में जहां राष्ट्रीय व मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना पूर्व में लागू है इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत माना जाएगा। इलाज कराने के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर मरीज व परिजन संबंधित निजी एवं शासकीय चिकित्सालयों में आयुष्मान मित्र से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते है या टोल फ्री नंबर 104 में काल कर किसी भी कठिनाई में सहायता प्राप्त कर सकते है।
37 अस्पतालों ने कराया पंजीयन
योजना के तहत इलाज करने जिले के 37 अस्पतालों ने पंजीयन के लिए आवेदन किया है। आवेदन के आधार पर ११ डेंटल अस्पताल के अलावा 9 अन्य अस्पतालों को अधिकृत किया गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल २० बिस्तर का होना आवश्यक है। जिन अस्पतालों को योजना के तहत इलाज करने अधिकृत किया गया है उनमें शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज जुनवानी, सीएम मेडिकल कॉलेज कचान्दुर, वर्धमान अस्पताल दुर्ग, शैैलेष वर्मा अस्पताल दुर्ग, आई हॉस्पीटल धमधा, गणपति नेत्रालय दुर्ग, साईंबाबा भिलाई, श्री साईं नेत्रालय दुर्ग।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि डॉक्टरों की समस्या है यह सच है, लेकिन शासन धीरे धीरे रिक्त पदों पर पदस्थापना कर रहा है। कुछ पदों को स्थानीय स्तर पर संविदा से भरे जाएगें। मरीजों को अधिक से अधिक व अच्छी सुविधा मिले इसके लिए योजना के तहत निजी अस्पतालों को जोड़ा गया है।
1.75 लाख चिन्हित
जिले में आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने वर्ष २०११ के आर्थिक गणना को आधार बनाया गया है। इसके आधार पर योजना के लिए हितग्राहियों का चयन किया गया है। सर्वेसूची के आधार पर 1.75 लाख को आयुष्मान योजना का लाभ देने चिन्हित किया गया है।

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