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गजब ! अब कागज और पेंसिल से बनेगी बिजली

Published: Feb 21, 2018 11:10:39 am

Submitted by:

Anil Kumar

वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है जिसमें कागज और पेंसिल से बिजली बनाई जा सकती है

electricity from paper and pencil

अभी तक आपने पानी, हवा, परमाणु, कोयले, भूताप आदि से ही बिजली बनने के बारे में सुना, देखा और जाना होगा लेकिन अब कागज और पेंसिल से भी बिजली बनने जा रही है। यह भले ही सुनने में अजीब लगे लेकिन सच है। जर्मनी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है थर्मोइलेक्ट्रिक इफेक्‍ट का यूज कर बिजली बनाने की अनोखी और आसान तकनीक है। यह तकनीक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना बहुत ही आसानी से और बहुत कम लागत में बिजली बनाने में सक्षम है।

अब तक Heat को ही बिजली में बदलने की तकनीक पहले ही विकसित की गई है। लेकिन जर्मनी की राजधानी बर्लिन में वैज्ञानिकों ने ताप या heat से बिजली बनाने का बहुत ही आसान तरीका निकाल लिया है। वैज्ञानिकों ने यह कारानामा कागज, पेंसिल और कंडक्टर पेंट का इस्तेमाल करके किया है।

ये है नई टेक्‍नोलॉजी
बिजली बनाने की यह नई टेक्‍नोलॉजी किसी भी चीज के थर्मोइलेक्ट्रिक इफेक्‍ट पर आधारित है। इसके तहत दो अलग-अलग तापमान वाली धातुओं को संपर्क में लाने से इलेक्ट्रिकल वोल्टेज पैदा किया जाता है। इससे किसी भी तकनीकी या प्राकृतिक प्रक्रिया के बाद बचे तापमान को आंशिक रूप से इलेक्ट्रिकल ऊर्जा में बदला जा सकता है। इस तकनीक को जर्मनी के Helmholtz Zentrum केंद्र में विकसित करने के बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि पावर प्लांट्स या घर में यूज किए जाने वाले यंत्र से निकलने वाला तापमान ज्यादातर बर्बाद ही होता है। थर्मोइलेक्ट्रिक इफेक्‍ट के प्रयोग से हम इस तापमान का बेहतरीन यूज कर सकते हैं।

ऐसे बनाई कागज और पेंसिल से बिजली
वैज्ञानिकों ने एक छोटे से क्षेत्र को व्‍हाइट पेपर और ग्रेफाइट की पेंसिल से ढंक दिया। इसके बाद इस पर को-पॉलीमर पेंट लगाया गया, जो बिजली का सुचालक होता है। कागज पर पेंसिल के निशान ने उतना ही वोल्टेज पैदा किया, जो महंगे नैनो कंपोजिट्स से पैदा किया जाता है। ग्रेफाइट में इंडियम सेलेनाइड को जोडऩे से वोल्टेज बढ़ाया जा सकता है। नैनो कंपोजिट्स अलग-अलग फ्रीक्वेंसी के वोल्टेज पैदा कर सकते हैं। इस टीम के वैज्ञानिक नार्बर्ट निकेल ने बताया, इस रिसर्च के रिजल्‍ट हमारे लिए भी चौंकाने वाले थे। पेंसिल के निशान पेपर पर ग्रेफाइट की सतह का निर्माण करते हैं। हालांकि, इससे बिजली का चालन कम हो जाता है, लेकिन तापमान आसानी से प्रवाहित होकर वोल्टेज उत्पन्न करता है। नियर फ्यूचर में इस तकनीक का इस्तेमाल नॉन-टॉक्सिक थर्मोइलेक्ट्रिक कंपोनेंट्स जैसे तांबा आदि को पेपर पर प्रिंट करने में किया जा सकेगा। इतना ही नहीं बल्कि इन छोटे कंपोनेंट्स का यूज करके शरीर की ऊर्जा से छोटे यंत्र और सेंसर्स को चलाने में मदद मिलेगी।

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