यह दिए आदेश
निदेशक की ओर से जारी आदेशों में उल्लेख किया है कि विद्यालय में चोरी आदि की घटना होने पर संस्थाप्रधान की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई जाएं। इसके अतिरिक्त इसकी सूचना संबंधित सेवा प्रदात्ता कंपनी एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भी देवे।
संसाधनों का होगा बीमा
आईसीटी का प्रथम चरण वर्ष २००८-२०१३ तथा द्वितीय चरण 2010 से 2015 तक था। फिलहाल इसकी अवधि खत्म हुए लम्बा अर्सा हो गया है और सेवा प्रदात्ता की ओर से कम्प्यूटर लेब विद्यालय प्रशासन को हस्तांतरित कर दी है। अब इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी विद्यालय पर है। अत: कम्प्यूटर लेब की सुरक्षा का जिम्मा विद्यालय को ही करना है। संस्थाप्रधान को उक्त प्रयोगशाला का बीमा करवाना होगा। यह राशि विद्यालय छात्र विकास कोष एवं अन्य बचत राशि से करवाना होगा।
इतनी हैं जिले में लेब
आईसीटी चरण संख्या
प्रथम 63
द्वितीय 51
तृतीय 69
चतुर्थ 17
पर, पढ़ाने वाला कोई नहीं..
सरकार एवं शिक्षा विभाग राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देने की बात तो कर रही है और भौतिक सुविधाएं भी दे रही हैं। पर, धरातल पर स्थितियां यह है कि अत्याधुनिक सुविधा संपन्न यह कम्प्यूटर महज शोपीस बने हुए हैं। विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा देने वाला शिक्षा देने वाला कोई नहीं है। ऐसे में स्थितियां यह है कि विद्यालय में कम्प्यूटर धूल चाट रहे हैं। पूर्व मेें विभाग ने कम्प्यूटर शिक्षा पढाने के लिए अनुदेशक लगाए थे। लेकिन, उन्हें भी हटा दिया। ऐसे में अब विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर केवल दर्शन योग्य पड़े हैं।
अधिकारी ने कहा…
. बीमा कराने के आदेश आते ही सभी संबंधित आईसीटी प्रभारियों को निर्देश जारी कर दिए है। अतिशीघ्र पालना सुनिश्चित की जाएगी।
– हेमंत पण्ड्या, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, रमसा