यह था पूरा मामला अभियोजन पक्ष के अनुसार चार अक्टूबर 2017 को उदयपुर के महाराणा भुपाल अस्पताल में पीडि़ता के भाई ने बिछीवाड़ा पुलिस को रिपोर्ट दी थी। उसमें बताया कि 12वीं कक्षा में अध्ययनरत उसकी छोटी बहन बीमार हो गई थी। इस पर 29 सितम्बर को गांव के जीवा वरहात को बुलाया था। उसके झाड़ फूंक करने के बाद भी बहन ठीक नहीं हुई तो जीवा ने गुजरात से अपने गुरुजी को बुलाने की बात कही।
30 सितम्बर को सुबह 11 बजे गुजरात के अरवल्ली जिला अंतर्गत रामपुर सोता निवासी महेंद्र पुत्र मोहनभाई बरण्डा को लेकर आए। उसने आते ही बहन को लात-मुक्के मारे और कमरे में ले जाकर टोटका करने की बात कही। इस दौरान भोपा महेंद्र उसे कमरे में ले गया। थोड़ी देर बाद कमरे में जाकर देखा तो बहन के पहने हुए कपड़े फटे हुए थे तथा पूरे शरीर पर जगह-जगह दांत गढ़े हुए थे। महेंद्र मौका देखकर वहां से भाग गया।
इस दौरान पीडि़ता को डूंगरपुर के बिछीवाड़ा सीएचसी लाए और वहां से रैफर करने पर उदयपुर अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया। अनुसंधान के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।
न्यायालय ने यह सुनाई सजा न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपित को पोक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए आजीवान कारावास तथा 15 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही राजस्थान डायन-प्रताडऩा निवारण अधिनियम 2015 की धारा 6 के तहत 50 हजार रुपए जुर्माने की भी सजा सुनाई। जुर्माना राशि का 60 प्रतिशत पीडि़ता को प्रतिकर के रूप में अदा करने के भी आदेश दिए। साथ ही पीडि़त प्रतिकर योजना का लाभ दिए जाने की अनुशंसा भी की।